आतंकी एवं अलगाववादी नेता यासीन मलिक और उसका सहयोगी रफीक पहलू रुबिया सईद के अपहरण मामले में गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जम्मू की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए। सीबीआई की मुख्य अभियोजक मोनिका कोहली ने बताया कि अदालत में जांच किए गए दो चश्मदीदों ने मामले में एक अन्य आरोपी अली मोहम्मद मीर की पहचान की है। इस मामले में अगली सुनवाई की अगली तारीख 14 दिसंबर तय की गई है।
अधिवक्ता मोनिका ने बताया कि 1989 के रुबिया सईद अपहरण मामले में दो गवाहों से पूछताछ की गई। उन्होंने एक आरोपी अली मोहम्मद मीर की पहचान की। अली मोहम्मद मीर, जो यासीन मलिक के बाद अपहरण मामले में मुख्य आरोपी है। वह रुबिया सईद को अपने वाहन में श्रीनगर से सोपोर ले गया था और एक गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर रखा था।
यासीन मलिक वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। यहां वह आतंकी वित्तपोषण मामले में सजा काट रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के चलते उसे प्रत्यक्ष तौर पर अदालत में पेश नहीं किया गया। ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उसे पेश किया गया।
कश्मीर घाटी में आतंकवादी तंत्र को पुनर्जीवित करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद रफीक पहलू श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद है। प्रतिबंधित जेकेएलएफ और अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को पुनर्जीवित करने की साजिश से जुड़े मामले में इसी साल जुलाई में एक होटल से रफीक समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
1990 में श्रीनगर में आतंकवादी हमले में चार भारतीय वायु सेना के जवानों की हत्या से जुड़े मामले में भी अदालत ने पहचान के लिए एक गवाह को बुलाया था, लेकिन वह अस्वस्थ होने के कारण पेश नहीं हो सका। इस मामले में भी अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। 1989 में रुबिया सईद के अपहरण मामले में मलिक, पहलू और आठ अन्य के खिलाफ अदालत ने 11 जनवरी 2021 को आरोप तय किए थे।