मुरादाबाद में रुचि वीरा: डॉ. एसटी हसन भी मेरे बड़े भाई, पूरे दमखम के साथ लड़ूंगी चुनाव

काफी उठापटक के बाद सपा की तरफ से आजम खां की करीबी पूर्व विधायक रुचि वीरा ने बुधवार को सांसद डॉ. एसटी हसन के नामांकन को रद्द करने का पत्र सौंप दिया। साथ ही सपा की अधिकृत प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। बिजनौर की रहने वाली पूर्व विधायक रुचि वीरा ने बुधवार की दोपहर करीब दो बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

इसके साथ उन्होंने सांसद डॉ. एसटी हसन का नामांकन रद्द करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिया। इस प्रक्रिया के साथ सांसद एसटी हसन का नामांकन तकनीकी तौर पर निरस्त हो गया है।

इस दौरान पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू सहित अन्य लोग मौजूद थे। हालांकि जिले के अधिकारियों का कहना था कि डीएम मानवेंद्र सिंह अभी नामांकन पत्रों की जांच करेंगे। नियमानुसार डीएम ही 28 मार्च को नामांकन पत्रों की स्थिति अपनी रिपोर्ट के माध्यम से स्पष्ट करेंगे।

मैं ही गठबंधन प्रत्याशी, पूरे दम से लडूंगी चुनाव

नामांकन दाखिल करने के बाद पूर्व विधायक रुचि वीरा बाहर निकलीं और उन्होंने कहा कि सबसे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजम खां को थैंक्स बोलना चाहूंगी। उन्होंने कहा कि मैं ही मुरादाबाद से गठबंधन की प्रत्याशी हूं। पूरे दमखम के साथ चुनाव लडूंगी। मुरादाबाद के लोगों का दिल जीतने आई हूं।

यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनको चुनाव लड़ने के लिए भेजा है। डॉ. एसटी हसन भी मेरे बड़े भाई हैं। इस बारे में मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी। पुतला फूंकने के बारे में पूछने पर पूर्व विधायक ने कहा कि कुछ उन्मादी लोगों ने ऐसा कार्य किया होगा लेकिन उनको जानकारी नहीं है।

बसपा से भी रुचि वीरा का रहा है नाता

पार्टी के लोगों का कहना है कि 2022 में रुचि वीरा बिजनौर में 2014 से 17 तक सपा की विधायक रहीं। इसके बाद वह 2022 में बसपा से चुनाव लड़ीं लेकिन चुनाव हार गई थीं। 2023 में बसपा ने रुचि वीरा को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद उन्होंने फिर सपा का दामन थाम लिया। रुचि वीरा को आजम खां का सबसे करीबी माना जाता है।

24 घंटे से चला राजनीतिक ड्रामा

सांसद डॉ. एसटी हसन मंगलवार को जब नामांकन पत्र भरने के लिए घर से निकले तो समर्थकों ने कहा कि उनका टिकट बदल गया है लेकिन पार्टी के किसी पदाधिकारी ने उनको कॉल नहीं की थी। इसी कारण कांग्रेस और सपा नेताओं के कहने पर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया।

मंगलवार की शाम पांच बजे शहर में खबर फैल गई कि आजम खां की करीबी बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को पार्टी का सिंबल मिल गया है। इससे गुस्साए सपा के कुछ समर्थकों ने मंगलवार की रात रुचि वीरा वापस जाओ का नारा लगाते हुए फैजगंज चौराहे पर उनका पुतला फूंक दिया।

देर रात सपा के समर्थक सांसद के आवास पर डटे रहे। इसके बावजूद सांसद समर्थकों को लगा कि उनका टिकट कटा नहीं है। बुधवार की दोपहर रुचि वीरा ने नामांकन दाखिल किया तो सपा सांसद के समर्थक मायूस हो गए।

फिर अफवाह फैली की रुचि वीरा का नामांकन रद्द करने के लिए पत्र लखनऊ से आ रहा है लेकिन ऐसा पत्र निर्वाचन कार्यालय को नहीं मिल सका और 24 घंटे से चल रहे राजनीतिक ड्रामे पर विराम लग गया।रुचि वीरा सपा की अधिकृत प्रत्याशी हैं। पार्टी के पदाधिकारी अभी से उनका चुनाव प्रचार पूरे तन मन और धन से करेंगे। देश में बढ़ती जा रही महंगाई, नफरत भरी राजनीति और बेरोजगारी के मुद्दों को उठाकर भाजपा को हराने का कार्य करेंगे। जनता भाजपा राज से काफी परेशान हो चुकी है। इसका फायदा सपा को मिलेगा। – डीपी यादव जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी मुरादाबाद

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