रुपिंदर पाल हॉकी ओलंपिक टीम में , परिवार को स्वर्ण की उम्मीद


टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को पूल-ए के मुकाबले में स्पेन को 3-0 से हराया। इस मैच के दौरान पंजाब के रुपिंदर पाल सिंह ने दो गोल दागे। उन्होंने पहला फील्ड गोल और दूसरा पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला था। इस जीत के साथ ही भारत के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद मजबूत हो गई है। टीम इंडिया पूल-ए में दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। बेटे की इस सफलता से गदगद माता-पिता वाहेगुरु से टीम के गोल्ड जीतने की अरदास कर रहे हैं। 

पंजाब का फरीदकोट हॉकी खिलाड़ियों की कर्मभूमि है। यहां के सरकारी बृजेंद्रा कॉलेज के ग्राउंड से खेलकर कई पुरुष व महिला खिलाड़ी निकले हैं। भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह भी मूल रूप से फरीदकोट के बाबा फरीद एवेन्यू के रहने वाले हैं। रुपिंदर के बेहतरीन प्रदर्शन से उनके परिवार व रिश्तेदारों के साथ खेल प्रेमियों में खुशी है और उन्हें गोल्ड मेडल की आस

रुपिंदर पाल सिंह के पिता हरिंदर सिंह ने कहा कि वह अभी ज्यादा बात नहीं करना चाहते, बस उनके परिवार का यही सपना है कि भारतीय हॉकी टीम गोल्ड मेडल हासिल करे। यहीं अरदास गुरु घर में करते हैं, उन्हें यकीन है कि वाहेगुरु वो बेहतरीन पल जरूर लेकर आएंगे। उसके बाद खुलकर बात करेंगे और जश्न भी मनाएंगे, जिसमें सभी को न्योता देंगे। वहीं मां सुखविंदर कौर को भी पूरा यकीन है कि रुपिंदर व उनके टीम के साथी सर्वश्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन करते हुए इस बार ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत कर लाएंगे। इसके लिए मां दिन-रात दुआएं मांग रही है।
पिता भी खेलते थे हॉकी
रुपिंदर के पिता हरिंदर सिंह फरीदकोट के सरकारी बृजेंद्रा कॉलेज के पास स्पोर्ट्स गुड्स की दुकान चलाते थे। वह भी स्कूल व कालेज के समय में हॉकी खेलते थे। रुपिंदर की फिरोजपुर के प्रसिद्ध हॉकी ओलंपियन परिवार के सदस्य हरमीत सिंह, अजीत सिंह व गगन अजीत सिंह के साथ भी रिश्तेदारी है।

ओलंपियन अजीत सिंह ने बताया कि रुपिंदर ने करीब 6 साल की उम्र में फिरोजपुर में संचालित शेरशाह वली हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। लगातार सुधार करते हुए रुपिंदर ने शीर्ष तक अपना सफर तय किया। फिर वर्ष 2002 में चंडीगढ़ हॉकी अकादमी के लिए खेलने लगे थे। भारत की टीम में उनका चयन 2010 में हुआ, जिसके बाद से वह लगातार भारतीय टीम के लिए खेल रहे हैं। टीम इंडिया के अलावा रुपिंदर इंडियन ओवरसीज बैंक के लिए खेलते हैं और इसमें नौकरी भी करते हैं। 

ब्रिटेन के खिलाफ लगाई थी पहली हैट्रिक
रुपिंदर ने अपने हॉकी कॅरियर की शुरुआत मई 2010 में सुल्तान अजलान शाह कप के दौरान की थी। जहां भारतीय टीम स्वर्ण जीतने में कामयाब रही थी। इस टूर्नामेंट में रुपिंदर ने ब्रिटेन के खिलाफ अपनी पहली हैट्रिक लगाई थी। यह हैट्रिक आगे चलकर रुपिंदर के कॅरियर को आगे बढ़ाने में काफी सहायक साबित हुई। 
बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम की टीम से भी जुड़े
पाकिस्तान के खिलाफ यादगार गोल लगाने के बाद रुपिंदर को हॉकी इंडिया लीग 2013 के लिए बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम की टीम दिल्ली वेवराइडर्स ने 56 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 36 लाख 17 हजार रुपये) में खरीदा था। रुपिंदर ने टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 8 गोल किए थे, जिसके दम पर टीम लीग में दूसरे स्थान पर रही थी। 

रुपिंदर की उपलब्धियां 
2014 में ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया, भारत ने रजत पदक जीता।
2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में भाग लिया, भारत ने स्वर्ण पदक जीता। 
2016 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लिया, भारत ने स्वर्ण जीता। रुपिंदर 11 गोल के साथ टॉप स्कोरर रहे और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार जीता।
2016 एशियाई पुरुष हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लिया, भारत ने स्वर्ण जीता।
2016 में रियो ओलंपिक में भाग लिया और टॉप स्कोरर रहे। उस दौरान भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रही थी।
2017 सुल्तान अजलान शाह कप में भाग लिया, भारत ने कांस्य जीता।
2017 में हॉकी वर्ल्ड लीग में भाग लिया, भारत ने कांस्य जीता और उन्होंने फैन च्वाइस अवार्ड जीता।
2018 में जकार्ता एशियाई खेलों में भाग लिया, भारत ने कांस्य पदक जीता।
2018 में ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

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