संदेशखाली के हालात मंगलवार को कुछ बदले नजर आए। गांव की महिलाओं में उत्साह, उम्मीद और हौसला दिखा। उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाएं कहती हैं, अब मुंह ढक कर बोलने की जरूरत नहीं है। अब किसी से कोई डर नहीं।
महिलाओं ने कहा, अब तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। लेकिन मन में एक दुख जरूर है। इतना कुछ हुआ, लेकिन दीदी (सीएम ममता बनर्जी) साथ खड़ी नहीं हुईं। एक बार यहां आकर हमारा हाल नहीं जाना, लेकिन दादा (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) से बहुत उम्मीद है।
महिलाओं ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे दादा हैं (बड़े भाई)। उनके बारासात आने की खुशी में मन प्रसन्न है। अगर मौका मिला तो हम अपना दुख-दर्द उनसे साझा करेंगी। हमें उम्मीद है, विश्वास है और भरोसा है कि वे हमको न्याय जरूर दिलाएंगे। इस मौके पर महिलाएं जमकर झूमीं। मोदी-मोदी और जय श्री राम के नारे लगाए।
फांसी से कम कुछ मंजूर नहीं
गांव की महिलाओं ने कहा, कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है। इसके लिए हाईकोर्ट का धन्यवाद। अब न्याय की उम्मीद और बढ़ गई है। राज्य पुलिस पर हमें भरोसा नहीं था। महिलाओं ने आज एक बार फिर कहा, हमें फांसी से कम कुछ मंजूर नहीं है।
सुना है अब जमीन को समतल करके देंगे
गांव की महिलाओं ने कहा, सुना है जिस जमीन पर तीनों गुंडों ने तालाब बना दिए थे, सरकार उसे समतल करके देगी। यह सुनकर बहुत खुशी हुई। साथ ही महिलाओं की मांग पर एक ट्यूबेल लगाया जा रहा है। इससे अब महिलाओं को पानी लेने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।