सत्यपाल मलिक ने कहा- एक मिनट में दे दूंगा इस्तीफा

बीते दिनों गोवा में भाजपा सरकार पर कोरोना वायरस महामारी के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को अपने आलोचकों को निशाने पर लिया। सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं किसानों के मुद्दे पर कुछ कहूंगा तो विवाद बन जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को हटाया नहीं जा सकता लेकिन मेरे कुछ शुभचिंतक चाहते हैं कि मैं कुछ कहूं और हटूं। 

मलिक ने आगे कहा, ‘कुछ लोग फेसबुक पर लिख देते हैं कि राज्यपाल साहब अगर इतना महसूस कर रहे हो तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते… मुझे आपके पिताजी ने राज्यपाल नहीं बनाया था और न मैं वोट से बना था। मुझे दिल्ली में दो-तीन बड़े लोगों ने राज्यपाल बनाया था और मैं उनकी ही इच्छा के विरुद्ध बोल रहा हूं। जब वो मुझसे कह देंगे कि हमें दिक्कत है छोड़ दो, तब मैं (इस्तीफा देने में) एक मिनट भी नहीं लगाऊंगा।’

मलिक ने यह टिप्पणी राजस्थान की राजधानी जयपुर में जाट समुदाय के एक कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा कि मैं विरोध कर रहे किसान दिल्ली से खाली हाथ नहीं लौटेंगे, वह सफल होकर ही वापस आएंगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का उल्लेख करते हुए सरकार से कहा कि सिख समुदाय का विरोध न करें। उन्होंने कहा कि सरकार में ऐसे लोग हैं जो किसानों के समर्थन में हैं लेकिन एक-दो लोग हठी हैं।

सेंट्रल विस्टा को लेकर साधा केंद्र पर निशाना
मलिक ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि नए संसद भवन का निर्माण कराए जाने के स्थान पर एक विश्वस्तरीय कॉलेज का निर्माण करवाया जाता। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बात करके सुलझाया जा सकता है। उन्होंने हरियाणा में भाजपा नेताओं के खिलाफ किसानों के रुख को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हेलिकॉप्टर राज्य के किसी गांव में नहीं उतर सकता है।

गोवा में भ्रष्टाचार को लेकर कही थी ये बात
मलिक ने जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार के बाद गोवा में भी व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा था कि गोवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के कारण ही मेरा तबादला मेघालय किया गया था। सत्यपाल मलिक ने इस मामले में प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की थी। एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में मलिक ने कहा था कि गोवा से उनकी विदाई की पटकथा भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम के कारण ही लिखी गई थी।

किसानों के आंदोलन का कर चुके हैं समर्थन
अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मलिक ने पहले भी इसे लेकर कहा था कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है इसीलिए बिना डर के बोलता हूं। इससे पहले वह केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन भी कर चुके हैं। सत्यपाल मलिक यह भी कहा था कि अगर किसानों का प्रदर्शन जारी रहा तो मैं अपने पद से इस्तीफा देकर उनके साथ खड़े होने के लिए भी तैयार हूं।

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