मुजफ्फरनगर सदर सीट से सपा की हरी झंडी के बाद पूर्व मंत्री स्व. चितरंजन स्वरूप के छोटे बेटे सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी को गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया गया है। हांलाकि उनके नाम की अधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है। इससे पहले सदर सीट पर चितरंजन स्वरूप के बड़े बेटे व बंटी के बड़े भाई गौरव स्वरूप सपा के टिकट पर लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं।
स्वरूप परिवार में चल रही थी विरासत की जंग
मुजफ्फरनगर में सपा-रालोद गठबंधन के सभी छह उम्मीदवार तय कर दिये गए है। जिले की पांच सीटों पर गठबंधन उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुका था। सदर सीट को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पूर्व मंत्री व सपा के कद्दावर नेता रहे स्व. चितरंजन स्वरूप के परिवार में भी विरासत को लेकर जंग चल रही थी। चितरंजन स्वरूप के देहांत के बाद 2016 में सदर सीट पर उनके बड़े बेटे गौरव स्वरूप ने सपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था। लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार तथा मौजूदा राज्यमंत्री कपिल देव से हार गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने गौरव स्वरूप को ही उम्मीदवार बनाया था, लेकिन तब भी गौरव को कपिल देव के सामने हार का स्वाद चखना पड़ा था। 2022 विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू हुई तो स्वरूप परिवार में ही सदर सीट से टिकट चाहने के मामले में गौरव स्वरूप को छोटे भाई सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी से चुनौती मिली। बंटी ने शहर में जगह-जगह सियासत में अपनी आमद के होर्डिंग तथा पाेस्टर भी लगवा दिये थे। सियासी हलको में उनका नाम अगले उम्मीदवार के तौर पर चल भी रहा था।
गौरव स्वरूप और कई अन्य कर रहे थे दावेदारी
सदर सीट पर गौरव स्वरूप भी लगातार टिकट की दावेदारी कर रहे थे। स्वरूप परिवार के अलावा भी सदर से टिकट चाहने वालों की एक लंबी सूची थी, जिनमें सपा नेता राकेश शर्मा भी शामिल थे। गठबंधन की और से जिले के पांच टिकटो की घोषणा हो चुकी थी। सोमवार को सदर सीट से गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी को उम्मीदवार बनाया गया। सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी हांलाकि सपा नेता हैं, लेकिन उन्हें सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर नल के निशान पर चुनाव लड़ाया जाएगा।