महंत के मोबाइल से तलाशा जा रहा है रहस्य

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हाल में मौत के मामले का हरिद्वार कनेक्शन सामने आया है। सीबीआई को इस बात का पुख्ता प्रमाण मिला है. जिसमें पता चला है कि महंत की मौत का सबसे बड़ा राजदार हरिद्वार का एक मिस्ट्री कॉलर है।

इस बात की भी संभावना है कि यह मिस्ट्री कॉलर न सिर्फ महंत नरेंद्र गिरि बल्कि आनंद के भी लगातार संपर्क में था। जिसके बाद सीबीआई उसकी तलाश में जुट गई है। इसी के तहत शुक्रवार को आनंद गिरि के मोबाइल का बैकअप खंगाला गया। उधर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए महंत के मोबाइल की सीडीआर भी खंगालने में सीबीआई जुटी रही।

आनंद गिरि को हरिद्वार से लेकर लौटने के बाद सीबीआई ने अपनी जांच में वैज्ञानिक साक्ष्यों को शामिल कर लिया है। इसी के तहत शुक्रवार को एक बार फिर से मामले से संबंधित साक्ष्यों की पड़ताल की गई, जिसमें महंत की मौत का हरिद्वार कनेक्शन सामने आया। पता चला कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की मौत का सबसे बड़ा राजदार हरिद्वार का वह मिस्ट्री कॉलर है. जो घटना से पहले लगातार महंत के संपर्क में था। जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि इसी मिस्ट्री कॉलर ने महंत को उस कथित वीडियो के बारे में बताया था. जिसका जिक्र मौकेसे बरामद सुसाइड नोट में किया गया है।

इसी मिस्ट्री कॉलर ने महंत को बताया था कि आनंद गिरि वीडियो/तस्वीर वायरल कर सकता है। यह जानकारी मिलने के बाद सीबीआई शुक्रवार को दिन भर इस मिस्ट्री कॉलर की तलाश में जुटी रही। टीम ने महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल की सीडीआर भी खंगाली, साथ ही आनंद गिरि के मोबाइल का बैकअप भी निकलवाया। इसके जरिए यह जानने की कोशिश की गई कि कि महंत की मौत से एक-दो दिन पहले से आनंद गिरि किन-किन लोगों से फोन पर लगातार संपर्क में था।

सीबीआई हरिद्वार के हर उस शख्स की कुंडली खंगाल रही है जिसने घटना या उससे एक-दो दिन पहले महंत से फोन पर संपर्क किया था। इनमें उनका भी नाम शामिल है जिनसे खुद महंत ने फोन पर बातचीत की। चर्चा इस बात की भी रही कि सीबीआई ने दो नंबरों को चिह्नित भी किया है, जिनकी जानकारी हरिद्वार में मौजूद सीबीआई की टीम से भी साझा की गई है। साथ ही उनके बारे में और जानकारी जुटाने को निर्देशित किया गया है।

मिस्ट्री कॉलर की तलाश में जुटी सीबीआई के रडार पर वे लोग हैं जो घटना से पहले महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि दोनों के संपर्क में थे। दरअसल सुसाइड नोट के मुताबिक, मिस्ट्री कॉलर से ही महंत को आनंद के मंसूबों केबारे में पता चला था। बताया गया था कि आनंद तस्वीर/वीडियो के जरिए उन्हें बदनाम करने वाला है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मिस्ट्री कॉलर आनंद गिरि के भी बेहद करीब था और यही वजह थी कि उसे उसके मंसूबों की जानकारी थी। ऐसे में सीबीआई उन नंबरों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है, जिनके जरिए घटना से पहले महंत व आनंद गिरि दोनों से संपर्क किया गया। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here