जम्मू के टाडा कोर्ट में वर्चुअली पेश हुआ अलगाववादी नेता यासीन मलिक

अलगाववादी नेता एवं आतंकी यासीन मलिक को आज जम्मू के टाडा कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं किया गया। उसे 1990 में वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या मामले में पेश किया जाना था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने यासीन मलिक को जम्मू न भेजने की हाईकोर्ट से अपील की थी, जिसको कोर्ट ने मंजूर कर लिया। 

तिहाड़ जेल प्रशासन का तर्क था कि यासीन मलिक उम्र कैद की सजा काट रहा है, जिसको अभी दिल्ली से बाहर नहीं भेजा जा सकता है। इस अपील को हाईकोर्ट ने मान लिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी। 

हालांकि, बुधवार को यासीन वर्चुअल मोड पर कोर्ट में पेश हुआ। एक अन्य गवाह बीके शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया। बीके शर्मा ने यासीन मलिक से क्रॉस एग्जामिनेशन हुई। डीके शर्मा ने यासीन को पहले ही इस मामले में पहचान लिया था, जबकि आज आमने-सामने क्रॉस एग्जामिनेशन होनी थी।

यासीन को एनआईए की विशेष अदालत ने इस साल 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा उस पर 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था।

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