सीरम ने देनदारियों के खिलाफ क्षतिपूर्ति सुरक्षा मांगी

कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन के निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने सरकार से किसी भी नुकसान की स्थिति में सुरक्षा या कुछ छूट देने की मांग की है। साथ ही कंपनी ने ये भी कहा कि निर्माता चाहे भारतीय हों या विदेशी सभी को एक बराबर छूट मिलनी  चाहिए। News18 ने गुरुवार को SII के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।

सूत्रों ने कहा, “अगर विदेशी कंपनियों को नुकसान की स्थिति में छूट दी जाती है, तो सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ही नहीं, सभी वैक्सीन कंपनियों को देनदारियों के खिलाफ क्षतिपूर्ति सुरक्षा मिलनी चाहिए।”

दरअसल फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना ने केंद्र से भारत में वैक्सीन प्रक्रिया में सहायता के लिए किसी भी नुकसान की स्थिति में सुरक्षा या कुछ छूच देने का आग्रह किया था, जिसके बाद अब SII ने भी ये मांग की है।

हालांकि, सरकार ने अब तक किसी भी निर्माता को किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के लिए कानूनी कार्रवाई के खिलाफ क्षतिपूर्ति या संरक्षण देने की कोई घोषणा नहीं की है।

केंद्र के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि सरकार भारत में वैक्सीन के लिए मंजूरी में तेजी लाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना को किसी भी नुकसान की स्थिति में सुरक्षा दे सकती है।

 सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत में दो दिग्गज कंपनियों को क्षतिपूर्ति देने में “कोई समस्या नहीं है।” अप्रूवल अमेरिका और दूसरे देशों द्वारा दोनों वैक्सीन को मंजूरी देने को देखते हुए ही दिया जाएगा।

फाइजर जुलाई और अक्टूबर के बीच भारत को 5 करोड़ खुराक देने के लिए तैयार है। उसने सरकार के साथ बातचीत में नुकसान की स्थिति में सुरक्षा देने पर जोर दिया था। कई देशों में और WHO ने इसकी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा भी शेयर किया है।

वहीं ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) या कुछ विशेष देशों में अनुमति प्राप्त कर चुकी वैक्सीन को भारत में ब्रिजिंग ट्रायल से छूट दे दी।

हालांकि, ये छूट सीमित होगी, मतलब USFDA, EMA, UK MHRA, PMDA जापान या WHO की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग यानि EUL में शामिल वैक्सीन को ही भारत में ब्रिजिंग ट्रायल करने की जरूरत नहीं होगी।

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