महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में शिवसेना की पारंपरिक दशहरा रैली की। शिवसेना के शिंदे गुट ने खुद को असली शिवसेना और बाला साहेब का वारिस बताया। खास बात यह भी रही कि उद्धव के भाई जयदेव ने मुख्यमंत्री शिंदे के साथ दशहरा रैली में मंच साझा किया। साथ में उद्धव ठाकरे के सबसे बड़े भाई दिवंगत बिंदूमाधव ठाकरे के बेटे निहार भी रैली में मौजूद थे। इनके अलावा शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के 27 साल तक करीबी सहयोगी रहे चंपा सिंह थापा भी रैली में मौजूद थे।
इस दौरान शिंदे ने उद्धव द्वारा कटप्पा कहे जाने को लेकर पर पलटवार किया। सीएम ने कहा कि वे मुझे ‘कटप्पा’ कहते हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं, कि ‘कटप्पा’ का भी स्वाभिमान था, आपकी तरह दोहरा मापदंड नहीं था। सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि यह आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है। शिवसेना उन शिवसैनिकों की है जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है। आप जैसे लोगों के लिए नहीं जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया।
उन्होंने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा कि गद्दारी तो हुई है, लेकिन गद्दारी हमने नहीं की। गद्दारी तो 2019 में हुई थी। आपने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा, लोगों से वोट मांगे और फिर जनादेश का अपमान किया। चुनाव में एक तरफ बाल ठाकरे का फोटो और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी का फोटो लगाया, पर चुनाव के बाद कांग्रेस से हाथ मिला लिया। ये धोखा नहीं तो क्या है? आपने हिंदुत्व के साथ समझौता कर कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाई और सीएम बन गए।
मुख्यमंत्री शिंदे से पहले शिवसेना के शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने उद्धव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपके भाई, चचेरे भाई भी आपके साथ नहीं हैं उद्धव जी! अगर आप अपने परिवार को भी बरकरार नहीं रख सकते हैं, तो आप राज्य को कैसे बरकरार रखेंगे? इसके बाद सीएम शिंदे ने रैली को संबोधित किया। उन्होंने खुद को बालासाहेब का उत्तराधिकारी बताया।