किसान आंदोलन को लेकर रिहाना के ट्वीट के बाद भारत के भी प्रमुख हस्तियों ने जवाब दिया है। इसी कड़ी में भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी ट्वीट कर रिहाना को जवाब दिया। तेंदुलकर ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता। विदेशी शक्तियां दर्शक तो बन सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं। भारतीय, भारत को जानते हैं और भारत के लिये फैसला लेना चाहिये। एक देश के तौर पर एकजुट रहें। तेंदुलकर के ट्वीट के बाद अब कुछ लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं। तेंदुलकर के ट्वीट पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने भी ऐतराज जताया है। शिवानंद तिवारी ने तो सचिन तेंदुलकर की आलोचना करते हुए यह तक कह दिया कि उन्हें भारत रत्न देने का फैसला सही नहीं था।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि ऐसे लोगों को भारत रत्न देने से इसका अपमान हो रहा है। इन सबके बीच पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शिवानंद के बयान का बचाव किया है। तिवारी ने कहा कि सचिन को उनके खेल के लिए सम्मान दिया गया था। यह जरूरी नहीं कि हर क्षेत्र में उनकी समझ बड़ी हो। शिवानंद तिवारी के बयान पर जदयू ने पलटवार किया है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग जैसे तथाकथित सिलेब्रिटीज की हिमायत में देश की अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक भारत रत्न सचिन तेंदुलकर को ले करके शिवानंद तिवारी ने जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया है उसकी कठोरतम शब्दों में भर्त्सना की जानी चाहिए। राजीव रंजन ने कहा कि भारत का अंदरूनी मामले में जो लोग भी बोल रहे हैं उन्हें किसान संगठनों की ओर से करारा जवाब जरूर मिलना चाहिए।