भारत की दिग्गज मुक्केबाज और छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम ने पेरिस ओलंपिक से पहले इस बहुराष्ट्रीय प्रतियोगित में देश के दल के प्रमुख (शेफ डी मिशन) के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने 21 मार्च को शेफ डी मिशन नियुक्त किया था। मैरी कॉम ने पद से हटने के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है और कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
पीटी उषा ने कही यह बात
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि मैरी कॉम ने उन्हें पत्र लिखकर इस जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए कहा है। मैरी कॉम ने उषा को लिखे पत्र में कहा- देश की किसी भी रूप में सेवा करना गर्व की बात है और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी, लेकिन मुझे खेद है कि मैं यह जिम्मेदारी नहीं उठा सकूंगी। मैं निजी कारणों से पीछे हट रही हूं।
‘देश के लिए कुछ भी करना गर्व की बात’
41 साल की मैरी कॉम ने कहा, ‘इस तरह से पीछे हटने से शर्मिंदा हूं क्योंकि मैं ऐसा करती नहीं हूं, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मैं ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे अपने खिलाड़ियों की हमेशा हौसलाअफजाई करती रहूंगी।’ आईओए ने 21 मार्च को उनकी नियुक्ति का एलान किया था।
‘उनकी निजता का सम्मान’
लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेत मैरी कॉम 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक खेलों में भारतीय दल की अभियान प्रमुख होतीं। उषा ने अपने बयान में कहा, ‘हमें दुख है कि ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज और आईओए एथलीट आयोग की प्रमुख मैरी कॉम निजी कारणों से पद से हट गई हैं। हम उनके फैसले और निजता का सम्मान करते हैं। उनके विकल्प के बारे में घोषणा जल्दी ही की जाएगी।’
पीटी उषा ने कहा, ‘मैं उनके अनुरोध को समझती हूं और उनके फैसले का सम्मान करती हूं। मैंने उनसे कहा है कि आईओए और मेरा सहयोग हमेशा उनके साथ है। मैं सभी से उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती हूं।’