गृह मंत्री अमित शाह के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात नए समीकरण पैदा कर रही है। साफ है कि कैप्टन अब नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं। वहीं सिद्धू बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। कैप्टन और उनके साथी मनीष तिवारी व कपिल सिब्बल पंजाब को सरहदी सूबा बताकर आतंकवाद के खतरे की बात कर रहे हैं। कैप्टन पहले कह चुके हैं कि सरहदी सूबे के लिए सिद्धू फिट नहीं हैं।
डोभाल-कैप्टन की मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्योंकि अमरिंदर कह चुके हैं कि नए सीएम चरणजीत चन्नी का बतौर मंत्री काम अच्छा रहा लेकिन उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा का अनुभव नहीं है। पंजाब के लिहाज से राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है। पंजाब पाकिस्तान की सीमा से सटा राज्य है।
पिछले कुछ समय में यहां टिफिन बम और ड्रग्स पकड़े जा चुके हैं। पाकिस्तान से ही ड्रोन के जरिए यह सब भेजा गया था। पंजाब के भीतर सुरक्षा कमजोर हुई तो सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ेगा। सांसद मनीष तिवारी भी कह चुके हैं कि पंजाब में अस्थिरता से पाक काले मंसूबों को अंजाम दे सकता है।
कैप्टन के निशाने पर सिद्धू हैं, वह सिद्धू के पाक कनेक्शन को लेकर कैप्टन व उनकी टीम पूरी तरह से आक्रामक है। कैप्टन ने पंजाब में जहां आतंकी खतरे की बात कही है, वहीं यह बात भी उठाई है कि सिद्धू का पाक प्रेम पंजाब के लिए खतरनाक हो सकता है। अभी भी टिफिन बम पंजाब में हैं, जिनको लेकर पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता काम कर रहे थे, अचानक उनको छुट्टी पर भेज दिया गया।
कैप्टन लगातार पंजाब में खालिस्तान व आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए काम कर रहे थे। कैप्टन ने ही पीएम मोदी व अमित शाह के आगे मजबूती से पक्ष रखकर रेफरेंडम 2020 के संगठन सिख फॉर जस्टिस को आतंकी संगठन घोषित करवाया था। कैप्टन ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल बाजवा को पूरी तरह से ललकारा था और भारत के सैनिकों का कातिल बताया था। कैप्टन ने यह भी आशंका जताई थी कि कॉरिडोर पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश हो सकती है।
कैप्टन के निशाने पर सिद्धू थे, जो मना करने के बावजूद इमरान खान के बुलाने पर पाकिस्तान पहुंचे थे और पाकिस्तान सेना प्रमुख बाजवा को झप्पी डाल दी। सिद्धू के खिलाफ अब कैप्टन खुलकर फ्रंट फुट पर हैं और डोभाल व अमित शाह से मुलाकात को इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।