सिरोही: लुंबाराम चौधरी बोले- बत्तीसा बांध बीजेपी सरकार की देन

लुंबाराम चौधरी ने प्रेस वार्ता में कहा कि बत्तीसा बांध के निर्माण की मांग बीजेपी जनप्रतिनिधियों द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समक्ष रखी गई थी। उस समय तत्कालीन बीजेपी सरकार ने बांध की स्वीकृति कर 20 जुलाई 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया द्वारा शिलान्यास किया गया था। इस बांध के नीचे 948 बीघा भूमि बांध के नीचे आई हुई है, जिसमें से 560 बीघा भूमि वन विभाग की थी।

लुंबाराम ने कहा, उस समय के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से 20 अप्रैल 2018 को 91.202 हेक्टर भूमि की अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करवाकर उस पत्र को कलेक्टर के सामने पेश किया गया था। इसके साथ ही इस कार्य को जल्द से जल्द चालू करने के लिए मांग की गई थी। उसके तुरंत बाद बांध का कार्य चालू किया गया। बत्तीसा बांध के बीच में से गुजर रही रोड को बंदकर बाइपास रोड चालू करवाने के लिए 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। मगर सरकार बदलने पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की कार्य में रुकावट डालने की मंशा से तीन साल तक बांध में रुकावट हुई और 11 नवंबर 2021 को प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया का घेराव कर ज्ञापन दिया गया।

इस पर प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन द्वारा शासन सचिव जल संसाधन विभाग को 18 नवंबर 2021 को लेटर दिया गया। बांध के निर्माण की अवधि तीन साल में पूरा करने की मांग थी। मगर कांग्रेस सरकार के ढीले रवैया के कारण पांच साल पूरे होने के बावजूद भी 50 प्रतिशत बांध का कार्य अभी तक पूरा हुआ है। इस साल 75 प्रतिशत पानी बहकर गुजरात गया है। अगर समय पर बांध का कार्य पूरा होता तो सिरोही की जनता को इस पानी का फायदा मिलता। 

बांध के निर्माण की स्वीकृति के समय हमारी मांग थी कि बत्तीसा बांध का सारा पानी बहकर गुजरात जा रहा है, जिसको बांध बांधकर बांध की ऊंचाई 100 फीट हाइट रखकर 50 फीट के ऊपर का पानी बरसात के दिनों में छह फीट के छह पाइपों द्वारा सीधा पानी धंत्ता नदी के रपट पर लाकर चार पाइप छोड़े और दो पाइप वस्तान जी नदी में डालने की मांग रखी गई थी। जो धंत्ता बांध से अंनगोर और पाडीव बांध में सीधा पानी पहुंचे। पाडीव बांध व ओडा बांध तक सीधा पानी बिना खर्च के पहुंचेगा और अंनगोर बांध का ओवर फ्लो जावाल नदी में जाने से किसानों के कुओं में पानी की समस्या हल होगी। 

सिरोही शहर के लिए अंनगोर और धंत्ता बांध पीने के पानी का मुख्य श्रोत है। बांध का कार्य चालू है, मगर उपयुक्त योजना के अनुसार शेष कार्य पानी लाने का पूर्व के सर्वे के अनुसार कार्रवाई कर संबंधित अधिकारियों व सरकार को भेजकर कार्य तुरंत चालू करवाने का मांग रखी गई थी। मगर इन्होंने उसे कार्य पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। चूकि अब निर्दलीय विधायक को पता है कि सरकार अब जाने वाली है तो आनन-फानन में शिलान्यास रखा गया, जिसमें बीजेपी के जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाकर सारा श्रेय खुद लेना चाहते हैं। जबकि जिसमें 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार की है।

लुंबाराम चौधरी ने कहा कि सिरोही जिला हेड क्वार्टर होने के बावजूद भी कृषि मंडी नहीं खोली गई है। जबकि कृषि मंडी के लिए पूर्ववती बीजेपी सरकार में जमीन अलॉट कर परकोटा व ऑफिस भी बनाई गई थी। सिरोही में पंचायत समिति और किसानों के ठहरने के लिए किसान भवन बनाया गया था, जिस भवन को प्रशासन द्वारा गोदाम बनाकर लॉक लगाकर रखा है। कृषि मंडी एवं किसान भवन के लिए कई बार ज्ञापन दिए गए, मगर इस गूंगी बहरी सरकार ने किसानों को राहत नहीं दी।

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