यूं तो उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं, लेकिन सैफई परिवार ने सबसे ज्यादा पसीना सपा के गढ़ करहल में ही बहाया। मैनपुरी की यह विधानसभा सीट सैफई परिवार और खुद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। इसीलिए इस सीट पर मुलायम की तीन पीढ़ियों ने अखिलेश यादव के लिए गांव-गांव वोट मांगे। खुद नेताजी ने तीन साल बाद मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में आकर अखिलेश के लिए वोट मांगे।
पूरे देश की निगाहें इस वीवीआईपी सीट पर लगी हैं। कारण सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का खुद चुनाव मैदान में होना है। वहीं भाजपा ने भी अखिलेश को टक्कर देने के लिए पूरी व्यूह रचना की है। भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारकर चुनाव को दिलचस्प बनाया है। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य जनसभाएं कर चुके हैं। वहीं अखिलेश के लिए मुलायम की तीन पीढ़ियों ने वोट मांगे हैं।
अखिलेश के लिए इन्होंने मांगे वोट
खुद मुलायम सिंह मतदाताओं से हाथ जोड़कर अखिलेश को वोट देने की अपील कर चुके हैं। इससे पहले उनके भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव, शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव जनसभाएं कर चुके हैं। इसके साथ ही तीसरी पीढ़ी के रूप में मुलायम के नाती तेजप्रताप यादव ने भी गांव-गांव जाकर अखिलेश के लिए वोट मांगे हैं।
पहले खुद के लिए, अब बेटे के लिए मांगने आए वोट
नेताजी मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीता। 19 अप्रैल 2019 को नेताजी बेटे अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ मैनपुरी के क्रिश्चियन मैदान में जनसभा करके खुद के लिए वोट मांगे थे। इसके बाद से नेताजी का मैनपुरी आना नहीं हुआ। तीन साल बाद गुरुवार को वह अपने संसदीय क्षेत्र में आए। उन्होंने करहल की जनता से अपने बेटे अखिलेश के लिए वोट की अपील की।
सिर्फ तीन प्रत्याशी ही हैं मैदान में
करहल विधानसभा सीट पर 11 लोगों ने नामांकन किया था। इनमें से आठ नामांकन निरस्त हो जाने से तीन प्रत्याशी ही मैदान में शेष हैं। सपा और भाजपा के अलावा बसपा से कुलदीप नरायन इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा जोर सपा और भाजपा ही जीत के लिए लगा रही है।