मुरादाबाद से सपा ने एसटी हसन का टिकट काटा

कल नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन रामपुर से समाजवादी पार्टी का टिकट फ़ाइनल नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने पेंच फंसा दिया है. वे जेल में बंद हैं. लेकिन उनकी शर्त ने अखिलेश यादव को मुश्किल में डाल दिया है. आजम ने अखिलेश यादव से रामपुर से चुनाव लड़ने की अपील की थी. ये तब हुआ जब अखिलेश उनसे मिलने सीतापुर जेल गए थे.

अखिलेश यादव ने रामपुर से चुनाव लड़ने से मना कर दिया. उनके इस फैसले के बाद आजम खान के लोगों ने बगावत कर दी है. आजम के करीबी लोगों ने अखिलेश के न लड़ने पर चुनाव के बॉयकॉट की धमकी दी है. बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इस फैसले की घोषणा की गई है.

अब मुरादाबाद पर फंसा पेंच

ये मामला सुलझा भी नहीं था कि अब एक नया पेंच फंस गया. ये पेंच फंसा है मुरादाबाद सीट को लेकर. दरअसल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान चाहते हैं कि रूचिवीरा को मुरादाबाद से टिकट मिले. बिजनौर की रहने वाली रूचिवीरा को आजम खान का करीबी नेता माना जाता है. वे समाजवादी पार्टी की विधायक रही हैं. अखिलेश यादव पहले ही एस टी हसन को मुरादाबाद से टिकट दे चुके हैं. उन्होंने आज नामांकन भी कर दिया. पिछली बार वही चुनाव जीते थे.

रुचिवीरा को दी गई दावेदारी

सूत्र बताते हैं कि आजम खान के दवाब में उनका टिकट कट गया है. रूचिवीरा को अब मुरादाबाद से चुनाव लड़ने को कहा गया है. ये खबर फैलते ही एस टी हसन के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया है. हंगामा सड़क पर आ गया है. बाहरी उम्मीदवार वापस जाओ के नारे लग रहे हैं. कहा जा रहा है कि एस टी हसन को अब रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा गया है. उन्होंने इसके लिए मना कर दिया है.

मुरादाबाद के सांसद एस टी हसन और आजम खान के संबंध छत्तीस के रहे हैं. आजम खान एक तीर से दो निशान साधने की फिराक में हैं. वे हसन का टिकट भी कटवाना चाहते हैं और रूचिवीरा को सेट भी कराना चाहते हैं. अखिलेश यादव किसी भी सूरत में चुनाव के समय आजम खान को नाराज नहीं करना चाहते हैं. सारा चक्कर मुस्लिम वोट का है. इसी वजह से समाजवादी पार्टी के रामपुर और मुरादाबाद के नेताओं में घमासान जारी है.

अब तक 48 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है सपा

समाजवादी पार्टी की ओर से अब तक 48 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है. यूपी की 17 सीटें कांग्रेस के हिस्से आई हैं. जबकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की टीएमसी को भदोही सीट दी गई है. पिछले चुनाव की बात करें तो उस वक्त समाजवादी पार्टी जयंत चौधरी की रालोद और बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनाव में उतरी थी. इनमें 10 सीट बसपा के खाते में गईं थीं, रालोद को एक भी सीट नहीं मिली थी. इस बार राष्ट्रीय लोक दल एनडीए में है और बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है.

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