खिलाड़ी देश के लिए पदक लाते हैं, उनके साथ कोई छेड़खानी स्वीकार नहीं की जाएगी: अनुराग ठाकुर

दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में कुत्ता घुमाने के मामले में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि खिलाड़ी देश के लिए पदक लाते हैं। उनके साथ कोई छेड़खानी स्वीकार नहीं की जाएगी। ठाकुर पुणे के सावित्रिबाई फुले विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में पहुंचे थे। इस स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का नाम पहलवान केडी जाधव के नाम पर रखा गया है। इस समारोह में शामिल होने के दौरान ठाकुर ने त्यागराज स्टेडियम का मामला उठाया। इसके अलावा वो कई तरह की खेल गतिविधियों में भी शामिल हुए। 

क्या है मामला?
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आईएएस संजीव खिरवार और उनकी पत्नी रिंकू दुग्गा अपना कुत्ता घुमाते थे और इस दौरान खिलाड़ियों को स्टेडियम से बाहर इंतजार करने के लिए कहा जाता था। यह मामला सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने खिरवार को लद्दाख और उनकी पत्नी रिंकू दुग्गा को ट्रांसफर करके अरुणाचल भेज दिया था। 

ठाकुर ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस 27 एकड़ के परिसर में कई तरह की शानदार सुविधाएं शुरू हुई हैं। एक विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज बनाया गया है। छात्रों को यहां अच्छी ट्रेनिंग के साथ-साथ बेहतरीन सुविधाएं भी मिलेंगी। उम्मीद है कि आने वाले समय में देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

कौन हैं केडी जाधव?
केडी जाधव स्वतंत्र भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। उन्होंने 1952 हेलसिंकी ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया था। जाधव का जन्म 15 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के गुलेश्वर गांव में हुआ था। वो नॉर्मन प्रितचर्ड के बाद दूसरे भारतीय थे, जिन्होंने एकल स्पर्धा में भारत को ओलंपिक में पदक दिलाया था। जाधव का पूरा परिवार पहलवानी करता था। अपने परिवार में वो पांच बेटों में सबसे छोटे थे। 

पांच साल की उम्र से ही जाधव ने कुश्ती लड़नी शुरू कर दी थी। छोटे कद के जाधव बहुत फुर्ती के साथ लड़ते थे और विपक्षी पहलवानों के लिए उनसे पार पाना मुश्किल होता था। उन्होंने अपने दोगुने बड़े पहलवानों को हराकर ख्याति पाई थी। उन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। अब स्पोर्ट्स कॉमप्लेक्स का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। 

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