स्वास्थ्य विभाग के आदेशों के बाद हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग सिस्टर का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर हो चुका है। मेडिकल कॉलेजों की नर्सेज को आज भी इसका इंतजार है। डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी मेडिकल कॉलेजों में तैनात नर्सिंग सिस्टर की फाइल आगे नहीं बढ़ पाई है। कॉलेज नर्सिंग एसोसिएशन ने डीएमईआर कार्यालय पर फाइल दबाने के आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। पिछले कई साल से नर्सिंग एसोसिएशन पदनाम बदलने को लेकर आंदोलन रही है।
15 सितंबर को मानी गई थी मांग
मांगों को मानते हुए हरियाणा सरकार ने 15 सितंबर को पदनाम बदलने को लेकर आदेश जारी किए थे। नए नियमों के तहत स्टाफ नर्स को नर्सिंग ऑफिसर, नर्सिंग सिस्टर को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर और मैट्रन सिस्टर का पदनाम चीफ नर्सिंग ऑफिसर नामित किया है। इसके लिए सरकारी अस्पतालों की नर्सिंग एसोसिएशन ने बाकायदा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का धन्यवाद भी किया था। दूसरी ओर, पीजीआई रोहतक समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों में तैनात नर्सिंग स्टाफ का पदनाम अभी तक नहीं बदला गया है। इनकी फाइल चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय में भेजी गई है। तमाम प्रयासों के बावजूद डेढ़ माह बाद भी फाइल को मंजूरी नहीं मिल पाई है। मेडिकल कॉलेज नर्सिंग एसोसिएशन ने अब आंदोलन के साथ-साथ हड़ताल तक की चेतावनी डे डाली है।
एक ही विभाग में दो नियम कैसे हो सकते हैं। जब सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सिंग स्टाफ का पदनाम बदल चुका है, तो मेडिकल कॉलेज के स्टाफ का क्यों नहीं। हम लगातार फाइल को लेकर निदेशालय से संपर्क साध रहे हैं, लेकिन जान-बुझकर फाइल को दबाया जा रहा है। जल्द ही पदनाम नहीं घोषित हुए तो आंदोलन किया जाएगा।
तीन सप्ताह पहले फाइल सरकार को भेजी जा चुकी है। जैसे ही इसकी मंजूरी मिलेगी, इसके आदेश जारी किए जाएंगे। हमने उन स्टाफ के लिए भी पदनाम बदलने का प्रस्ताव भेजा है, जो स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं।