विपक्ष की बैठक पर बोले स्टालिन- हम भाजपा को हराने के लिए एकजुट

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को ‘हराने’ के लिए विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं और उन्होंने राज्य के मंत्री के पोनमुडी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को विपक्ष की दूसरी बैठक से पहले ‘ध्यान भटकाने की रणनीति’ करार दिया। 

विपक्ष की बैठक में भाग लेने के लिए बेंगलुरु रवाना होने से पहले चेन्नई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, ‘सभी विपक्षी दल भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को हराने के लिए एकजुट हुए हैं। हमने बिहार में आज और कल कर्नाटक में दूसरी बैठक बुलाने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा, पिछले महीने बिहार में शुरू हुई विपक्षी एकता बेंगलुरु में दूसरी बैठक के दौरान भी जारी रहेगी।

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के आवास पर ईडी के छापे के बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने कहा, ‘यह 13 साल पहले तत्कालीन जयललिता सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू किया गया एक झूठा मामला था। ईडी के छापे भाजपा की हताशा को दिखाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह छापेमारी विपक्ष की बैठक के मद्देनजर ध्यान भटकाने की रणनीति है।

उन्होंने राज्यपाल आरएन रवि और ईडी दोनों पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) सरकार के खिलाफ ‘चुनावी प्रचार’ में शामिल होने का आरोप लगाया। बेंगलुरु की बैठक में तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच विवाद की जड़ कावेरी मुद्दा उठाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह बैठक कावेरी मुद्दे पर चर्चा के लिए नहीं है।

‘प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने सोमवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के विल्लुपुरम जिले में स्थित आवास की तलाशी ली। इस मामले में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है। इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में 26 दलों के नेता शामिल होंगे।

विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार शाम 6 बजे विपक्षी दलों की एक अनौपचारिक बैठक निर्धारित है, जिसके बाद रात 8 बजे डिनर होगा। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित विपक्ष के सभी बड़े नेताओं के बेंगलुरु में विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने की उम्मीद है।

 आम आदमी पार्टी (आप) ने भी रविवार को बैठक में अपनी मौजूदगी की पुष्टि की। कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि अगर संसद में अध्यादेश की जगह कोई विधेयक लाया जाता है तो वह दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी। औपचारिक बैठक मंगलवार को होगी। विपक्षी एकता की पहली बैठक पिछले महीने पटना में हुई थी।

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