स्टैंडिग कमेटी ने सीएए पर नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय को 3 महीने का समय दिया

नई दिल्‍ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) को संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act CAA) के तहत नियम बनाने के लिए स्‍टैंडिंग कमेटी की ओर से तीन महीने का अतिरिक्‍त समय दिया गया है. गृह मंत्रालय ने हाल ही में नियम बनाने के लिए तीसरी बार समय विस्तार मांगा था. सीएए के माध्यम से केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है.

संशोधित नागरिकता अधिनियम 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे अधिसूचित किया था. हालांकि, कानून अभी लागू होना बाकी है क्योंकि सीएए के तहत नियम अभी बनाए जाने बाकी हैं. संसदीय कार्य संबंधी नियमावली के अनुसार किसी भी कानून के लिए नियम राष्ट्रपति की सहमति के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए या फिर लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों से विस्तार का अनुरोध किया जाना चाहिए.

चूंकि, गृह मंत्रालय सीएए कानून बनने के छह महीने के भीतर नियम नहीं बना सका, इसलिए उसने समितियों से और समय मांगा था. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था, ‘हमने और समय के अनुरोध के लिए संसदीय समितियों से संपर्क किया है. उम्मीद है कि हमें सेवा विस्तार मिल जाएगा.’ केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि सीएए के पात्र लाभार्थियों को भारतीय नागरिकता कानून के तहत नियम अधिसूचित होने के बाद ही दी जाएगी.

सीएए का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों जैसे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. इन समुदायों के जो लोग 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे, जो वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे थे, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. 

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