झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को केंद्र सरकार और राज्य के बीच संबंधों को रूस और यूक्रेन के बीच संबंधों जैसा बताया। सोरेन ने यूक्रेन पर रूस का हमला और लोकतांत्रिक रूप से चयनित सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र की ओर से एजेंसियों के इस्तेमाल को एक जैसा करार दिया और कहा कि मैं दबाव में आकर झुकने वाला नहीं हूं।
पद का लाभ उठाने के एक मामले में विवादों का सामना कर रहे सोरेन ने यह भी कहा कि हम भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को उसी तरह करारा जवाब देंगे, जिस तरह यूक्रेन रूस की आक्रामकता का जवाब दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केंद्र जिस तरह झारखंड में लोकतांत्रिक रूप से चयनित सरकार को अस्थिर करने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर प्रोपेगंडा प्रसारित कर रही है, इसकी तुलना यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई से की जा सकती है। रूस ने सोचा होगा कि वह एक-दो दिन में जीत जाएगा, लेकिन देखिए यूक्रेन इसका किस तरह मुकाबला कर रहा है।’
सोरेन ने कहा कि अगर केंद्र को यह लगता है कि वह झूठी कहानियां रच कर एक लोकतांत्रिक रूप से चयनित सरकार को अस्थिर कर सकता है, तो वह बहुत बड़ी गलतफहमी में है। उन्होंने कहा, ‘हम लड़ेंगे… मैं घुटने नहीं टेकूंगा और न ही एक कायर की तरह मैदान छोड़कर भागूंगा।’
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि अपने पक्ष में एक खनन लीज को अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करने में उन्हें विधानसभा के सदस्य के तौर पर उन्हें अयोग्य क्यों घोषित न कर दिया जाए। सोरेन ने मंगलवार को बताया था कि इसका जवाब देने के लिए उन्होंने चार सप्ताह मांगे थे, लेकिन 10 दिन का समय मिला है।