लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में में सोमवार (17 फरवरी) को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण को दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी. सीबीआई ने लालू यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की है.
वहीं लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगले महीने 1 मार्च को सुनवाई होगी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट को बताया कि मामले में कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मिलना अभी बाकी है. इससे पहले लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में 7 फरवरी को सुनवाई स्थगित कर दी गई थी. पिछले महीने 30 जनवरी को कोर्ट ने दो अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी, जिनमें एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आरके महाजन भी शामिल हैं. महाजन उस समय रेलवे बोर्ड में थे जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे.
लालू के परिवार के पांच सदस्य आरोपी
इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और और आरजेडी लालू प्रसाद यादव के परिवार के पांच सदस्य आरोपी हैं. इनमें लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव, और उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव शामिल हैं. पिछली सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर) डी.पी. सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से कोर्ट में पेश हुए थे, जबकि बचाव पक्ष के वकील मनु मिश्रा कोर्ट में शारीरिक रूप से मौजूद थे.
क्या है मामला
दरअसल बात 2004 से 2009 के बीच की है उस समय लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. आरोप के मुताबिक लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे. आरोप यह भी लगा कि आवेदकों से जो जमीनें ली गई हैं उसे लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारत के नाम पर लिया गया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी.