लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गर्मी और उमस के चलते बिजली की मांग लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। बीती 9 जून को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 31,104 मेगावाट तक पहुंच गई, जो देश में अब तक की सबसे अधिक आपूर्ति का रिकॉर्ड है। इससे पहले बीते वर्ष अधिकतम मांग 30,618 मेगावाट दर्ज की गई थी। इस वर्ष मांग 32,000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारियां मुकम्मल रखने के निर्देश दिए हैं ताकि गर्मी के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने सभी बिजली कर्मचारियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी और आमजन से संयमपूर्वक बिजली उपयोग करने की अपील की है।
बिजली की मांग में लगातार इज़ाफा
बीते कुछ दिनों में बिजली की खपत में निरंतर वृद्धि देखी गई। छह जून से नौ जून तक का रुझान इस प्रकार रहा:
- 6 जून : 28,581 मेगावाट
- 7 जून : 29,502 मेगावाट
- 8 जून : 30,161 मेगावाट
- 9 जून : 31,104 मेगावाट
9 जून की सुबह 9:53 बजे मांग 31,059 मेगावाट थी, जो रात 11 बजे तक बढ़कर 31,104 मेगावाट तक पहुंच गई।
अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे यूपी
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 9 जून को गुजरात में 25,230 मेगावाट, महाराष्ट्र में 25,191 मेगावाट, तमिलनाडु में 17,867 मेगावाट, राजस्थान में 16,562 मेगावाट और पंजाब में 15,508 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति दर्ज की गई, जबकि उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक बिजली आपूर्ति कर नया कीर्तिमान रचा।
बुनियादी ढांचे में हुआ सुधार
बीते तीन वर्षों में प्रदेश की ट्रांसमिशन क्षमता, विद्युत उपकेंद्रों और ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। इसके साथ ही जर्जर लाइनों और पुराने पोल को बदला गया है, जिससे लो वोल्टेज, ट्रिपिंग और ट्रांसफार्मर खराबी जैसी समस्याओं में कमी आई है। परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति का अनुभव हो रहा है।
न हो कटौती, न हो शिकायत
ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में किसी भी स्थिति में बिजली कटौती न हो। सभी क्षेत्रों को तय शेड्यूल के अनुसार बिजली उपलब्ध कराई जाए और जहां से भी शिकायतें आएं, उनका त्वरित निस्तारण हो। ट्रांसफार्मर जलने या खराब होने पर समयबद्ध तरीके से प्रतिस्थापन किया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गर्मी के मौसम में अनुरक्षण कार्यों के कारण बिजली आपूर्ति अनावश्यक रूप से बाधित न की जाए और शटडाउन का समय सावधानीपूर्वक तय किया जाए, जिससे उपभोक्ताओं को असुविधा न हो।