उत्तर प्रदेश के मेरठ में दलित परिवार की महिलाओं के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई मारपीट के मामले में प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। इस घटना में थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
मामला थाना इंचौली के लावड़ गांव का है, जहां एक दलित परिवार ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था। आरोप के अनुसार, दो भाइयों के बीच मकान को लेकर विवाद हो रहा था और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी। पुलिस ने दोनों भाइयों को थाने ले जाने की कोशिश की, जिसे महिलाओं ने विरोध किया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं की पिटाई की। आरोप यह भी है कि शिकायतकर्ताओं के खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज कर दी गई। जब घटना का वीडियो वायरल हुआ, तो मामला व्यापक रूप से चर्चा में आया।
पुलिस प्रशासन ने अब कार्रवाई करते हुए थानेदार और अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। मेरठ पुलिस के खिलाफ सपा विधायक अतुल प्रधान ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी और कहा था कि पुलिस गरीबों पर जुल्म कर रही है। उन्होंने पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की थी और चेतावनी दी थी कि यदि यह मांग पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा।
वहीं, सीओ सदर देहात ने बताया कि पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची थी, तो वहां मौजूद महिलाओं और पुरुषों ने दारोगा के साथ मारपीट की, जिसके कारण पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वायरल वीडियो की जांच चल रही है और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
इस घटना में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और मामले की उचित जांच की मांग की थी।
पुलिसकर्मियों पर की गई कार्रवाई इस प्रकार है:
आरक्षी वसीम – थाना इंचौली
उप निरीक्षक नितिन पाण्डेय – थानाध्यक्ष, थाना इंचौली
उप निरीक्षक सुमित गुप्ता – थाना इंचौली
उप निरीक्षक पवन सैनी – थाना इंचौली
उप निरीक्षक इन्द्रेश विक्रमसिंह – प्र0चौ0 लावड, इंचौली