यूपी: प्राइमरी के बाद अब माध्यमिक स्कूलों में गर्मी की छुट्टी

उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों में 21 मई से 10 जून तक समर कैंप आयोजित किए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर सारी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। समर कैंप का आयोजन प्रतिदिन सुबह 7 से 10 बजे के बीच होगा। इसमें मुख्य रूप से शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की ड्यूटी लगाई गई है, जबकि नियमित शिक्षकों की भागीदारी स्वैच्छिक रखी गई है।

राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि कैंप के दौरान छात्रों को रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। यह कैंप कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए होगा, और इसमें भाग लेने वाले सभी शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को तय मानदेय दिया जाएगा। कैंप के दौरान बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे।

शिक्षामित्रों का विरोध और बहिष्कार की चेतावनी

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखकर समर कैंप के आयोजन की समय-सीमा पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को वर्ष में केवल एक बार अवकाश मिलता है और मौजूदा गर्मी के हालात में यह आयोजन उचित नहीं है। उन्होंने मांग की कि समर कैंप को जुलाई में आयोजित किया जाए और शिक्षामित्रों की ड्यूटी स्वैच्छिक की जाए, अन्यथा बहिष्कार किया जाएगा।

जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने भी समर कैंप के लिए केवल शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की ड्यूटी लगाए जाने को अनुचित बताया और आयोजन स्थगित करने की मांग की।

दंपती शिक्षक एक ही जिले में स्थानांतरण की मांग पर धरने पर बैठे

राज्य के विभिन्न जिलों से आए लगभग 300 दंपती शिक्षक बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत एक जिले में स्थानांतरण की मांग को लेकर लखनऊ स्थित निदेशालय के शिविर कार्यालय पर धरने पर बैठे। उन्होंने बताया कि पति-पत्नी के अलग-अलग जिलों में होने से बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल मुश्किल हो रही है।

इस संबंध में स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षकों से संवाद कर आश्वस्त किया कि स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार कर 10 दिनों के भीतर शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद धरना खत्म कर दिया गया। हालांकि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय सीमा में नीति नहीं लाई गई तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे।

10 वर्षों से स्थानांतरण की राह देख रहे हैं शिक्षक

शिक्षिका रीना वर्मा ने बताया कि लगभग 300 दंपती शिक्षक ऐसे हैं जो पिछले 10 सालों से अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। इससे पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना कठिन हो गया है। वहीं शिक्षक नितिन शर्मा ने बताया कि पूर्व की दो स्थानांतरण नीतियों में दंपती कर्मचारियों को वरीयता देने का प्रावधान था, लेकिन इसका लाभ अभी तक नहीं मिल पाया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here