राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल से पहले कांग्रेस की सियासत लगातार गरमाई हुई है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक कांग्रेस में बैठकों का दौर चल रहा है। हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा के बाद अब कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने जयपुर आ रहे हैं। शिवकुमार मंगलवार दोपहर 12 बजे जयुपर पहुंचेंगे। वे सीएम से मुलाकात करेंगे। उसके बाद शाम 4 बजे दिल्ली जाएंगे। दो दिन के अंतराल में गांधी के परिवार के नजदीकी दो नेताओं का अशोक गहलोत से मिलने को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। पहली चर्चा राजस्थान में फेरबदल को लेकर सहमति बनाने से जुड़ी है। बताया जाता है कि कुमारी शैलजा को हाईकमान ने कोई संदेश देकर भेजा था। कुमारी शैलजा के बाद अब डीके शिवकुमार सीएम से मिलने आ रहे हैं। शिवकुमार गहलोत से मिलने के बाद दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मिल सकते हैं।
अलग-अलग चर्चाएं
कुमारी शैलजा के बाद शिवकुमार के मिलने की क्रॉनोलॉजी से समझा जा रहा है कि उन्हें भी शायद कोई मैसेज देकर भेजा गया हो। उधर, जानकारों के एक पक्ष का यह भी तर्क है कि गहलोत ने अब तक कांग्रेस हाईकमान के किसी फैसले पर सवाल नहीं उठाया। उनकी सियासी स्टाइल इस तरह की नहीं रही है कि वे हाईकमान को आंख दिखाएं। राजनीतिक परिस्थितियां भी आगे उनके लिए ऐसी नहीं हैं कि हाईकमान को आंख दिखाकर वे कोई खतरा मोल लें, ऐसे में हो सकता है कोई और एजेंडा हो।
सहमति बनाने की कवायद
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में बदलावों को लेकर अशोक गहलोत मौजूदा फार्मूले से सहमत नहीं है। बताया जाता है कि गहलोत बड़ी संख्या में मंत्रियों को हटाने या मंत्रिमंडल फेरबदल के पक्ष में नहीं हैं। विस्तार के पक्ष में हैं। प्रदेश प्रभारी से लेकर दूसरे नेता फेरबदल की पैरवी कर रहे हैं। अजय माकन फेरबदल को लेकर साफ संकेत दे चुके हैं। दूसरा बड़ा मुद्दा सचिन पायलट खेमे के विधायकों को मंत्री बानाने और पायलट खेमे की मांगों पर कार्रवाई का है। इन मुलाकातों को इन्हीं मुद्दों पर गतिरोध दूर करने से जोड़कर देखा जा रहा है।