जीवित महिला को मृत दिखाकर पेंशन बंद कर दी

मुजफ्फरनगर। जनपद में जिला प्रशासन की अमानवीय काली करतूत सामने आई है। एक विधवा पेंशन धारी बुजुर्ग महिला को सरकारी कागजों में मृतक दिखाकर उसकी रोजी-रोटी का सहारा बनी विधवा पेंशन योजना को ही बंद कर दिया। पीड़ित महिला जब सामने आई तो सरकारी सिस्टम की पोल खुल गई। आनन-फानन में जिला प्रशासन ने इस मामले जांच करा कर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
यह कहानी बुजुर्ग बूंदी की है। विधवा, बेऔलाद, बेघर और बेपरिवार बूंदी की। खतौली के मिट्ठूलाल मौहल्ले में पड़ोसियों की मदद और वृद्धावस्था पेंशन के सहारे जिंदगी गुजार रही बूंदी को सरकारी नुमाइंदों ने पेंशन के वार्षिक भौतिक सत्यापन में मृत दर्शाकर पेंशन रोक दी। फाइलों में दफनाई गई बूंदी खुद दफ्तर के चक्कर काटकर जिंदा होने का सुबूत देती रही, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। एसडीएम तक मामला पहुंचा तो जांच में बूंदी जिंदा निकली।
समाजसेवी जमीन अंसारी के साथ बृहस्पतिवार को बुजुर्ग बूंदी (85) एसडीएम खतौली जीत सिंह राय के सामने हाजिर हुई और खुद को जिंदा बताते हुए पीड़ा सुनाई। एक-बार  उपजिलाधिकारी भी हैरान रह गए। त्वरित कार्रवाई करते हुए लेखपाल अजेंद्र सिंह राठी को बुलाकर मामले की जांच के आदेश दिए। लेखपाल ने महिला के नाम से जारी आधार कार्ड देखा। भौतिक सत्यापन का वह कागज भी देखा, जिसमें महिला को मृत दर्शाया गया था। करीब एक घंटे की जांच के बाद माना गया कि तहसील पहुंची बुजुर्ग महिला बूंदी ही है और जिंदा है। लेखपाल ने रिपोर्ट एसडीएम को भेजी तो फाइलों में बुजुर्ग महिला फिर से जिंदा हो गई।

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