केंद्र-बंगाल सरकार में तनातनी: राज्य के DGP और मुख्य सचिव का दिल्ली आने से इनकार!

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच जेपी नड्डा के काफिले के मामले में राज्य की ममता बनर्जी सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. इस हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किया है. बंगाल के इन अधिकारियों को आज शाम 5:30 बजे दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया गया है. लेकिन सूत्रों से पता चला है कि दोनों अधिकारियों ने दिल्ली आने से इनकार किया है.

इससे पहले ममता बनर्जी सरकार ने कोरोना का हवाला देते हुए इन अधिकारियों के दिल्ली जाने में असमर्थता जताई थी. हालांकि यह कहा गया था कि ये दोनों अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने के लिए तैयार हैं. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 3 आईपीएस अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को दूसरी बार पत्र भेजा, मगर इस पर भी कोई जवाब नहीं मिला था.

ऐसे में माना जा रहा है कि अगर राज्य की ओर से फिर से अधिकारियों को कार्यमुक्त करने से इनकार किया जाता है, तो कानूनी राय ली जाएगी. इसके लिए आईपीएस कैडर नियमों- 1954 के नियम 6 (1) का हवाला भी दिया गया है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि आईपीएस काडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा. केंद्र ने कहा है कि इन अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्यमुक्त किया जाना चाहिए.

जिन तीन अधिकारियों को केंद्र सरकार बुला रही है, उनमें भोलानाथ पांडे (पुलिस अधीक्षक, डायमंड हार्बर), प्रवीण त्रिपाठी (डीआईजी प्रेसिडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (एडीजी दक्षिण बंगाल) हैं. हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र के कदम को असंवैधानिक और अस्वीकार्य करार करार दे रही हैं. उनका कहना है कि यह राज्य प्रणाली पर खुलेआम नियंत्रण का प्रयास है और पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने नहीं झुकेगा.

उल्लेखनीय है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की राज्य की 9 और 10 दिसंबर को हुई पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे. डायमंड हार्बर में नड्डा के काफिले पर पिछले हफ्ते हमले के संदर्भ में ड्यूटी में कथित लापरवाही को लेकर केंद्र ने तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने का निर्देश दिया था, लेकिन राज्य सरकार इन अधिकारियों को भेजने से इनकार कर रही है. ऐसे में बंगाल और केंद्र के बीच टकराव बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं.

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