महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट ‘लड़की संग फोटो वायरल कर बदनाम करेगा आनंद गिरि’

प्रयागराज। जिस बात का कयास लगाया जा रहा था अब महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट से वही सच भी साबित होता दिख रहा है। चर्चा थी कि महंत को किसी सीडी या वीडियो के जरिए धमकाया और ब्लैकमेल किया जा रहा था। अब पुलिस ने महंत के सुसाइड नोट के आधार पर मुकदमा लिखने के बाद विवादित शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार किया है और सुसाइड नोट से पता चला है कि महंत को भय था कि एक-दो दिन में आनंद गिरि उनकी किसी लड़की के साथ कोई फोटो वायरल करने वाला है जिससे उनकी बदनामी होनी थी। महंत को लगा कि फोटो वायरल होने के बाद वह कहां और किसको सफाई देते फिरेंगे और उनकी पूरी इज्जत खत्म हो जाएगी इसलिए उन्होंने जिंदगी खत्म करने का फैसला किया। हालांकि अभी पुलिस इस मामले की सच्चाई की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम होने पर ही साफ होगा कि यह आत्महत्या है या कुछ और… 

महंत ने लिखा… बदनामी से बेहतर है मर जाना

सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वैसे तो मैं 13 सितंबर को ही आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कम्प्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर वायरल कर देगा। मैंने सोचा कि कहां-कहां सफाई दूंगा, एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा, मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामयी पद है, सच्चाई का तो लोगों को बाद में पता चलेगा लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके लड़के संदीप तिवारी की होगी।

एकांत में रहता हूं तो मर जाने की इच्छा होती है…

सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि मठ बाघम्बरी गद्दी और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष अपने होशो हवास में बगैर किसी दबाव में यह बात लिख रहा हूं कि जब से आनंद गिरि ने मेरे ऊपर असत्य और मिथ्या मनगढ़ंत आरोप लगाया तब से मैं मानसिक दबाव जी रहा हूं। जब भी मैं एकांत में रहता हूं मर जाने की इच्छा होती है, आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी तथा उसके लड़के संदीप तिवारी ने मेरे साथ  विश्वास घात किया है…

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