अंबुजा और एसीसी को सुक्खू सरकार का झटका, अल्ट्राटेक को दिए सीमेंट के सरकारी ऑर्डर

अदाणी कंपनी को झटका देते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने शनिवार को 6,000 टन यानी 1.20 लाख सीमेंट के बैग की आपूर्ति का पहला ऑर्डर अल्ट्राटेक कंपनी को दे दिया। अंबुजा और एसीसी सीमेंट कंपनी प्रबंधन के अड़ियल रवैये के बाद मुख्य सचिव आरडी धीमान की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सीमेंट आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। अल्ट्राटेक कंपनी का प्लांट सोलन जिले के बाघा बघेरी में है और यह स्थल बिलासपुर जिले के साथ लगता है। अल्ट्राटेक कंपनी को सीमेंट की सप्लाई का ऑर्डर देने के बाद नोडल एजेंसी खाद्य आपूर्ति निगम ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और ग्रामीण विकास विभाग को सीमेंट आपूर्ति के लिए पत्र भी जारी कर इसकी जानकारी दी है।

ट्रक ऑपरेटरों के साथ मालभाड़े को लेकर चल रहे विवाद के कारण अदाणी कंपनी ने अपने बरमाणा में एसीसी और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट अनिश्चितकाल के लिए गत बुधवार से बंद कर दिए हैं। इस मामले के अमर उजाला में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई है। प्रदेश में चल रहे सरकारी भवन निर्माण कार्यों के लिए इन्हीं प्लांटों से खाद्य आपूर्ति निगम को सीमेंट सप्लाई होती है। इसके बाद निगम विभिन्न विभागों से पैसा लेकर अपने गोदामों से इन्हें सीमेंट मुहैया करवाता है। पिछले चार दिन से सीमेंट न मिलने से सैकड़ों सरकारी प्रोजेक्ट रुक गए हैं। अल्ट्राटेक कंपनी से सीमेंट मिलने से अब इन कार्यों को शुरू किया जा सकेगा।

अल्ट्राटेक कंपनी से सीमेंट सप्लाई का ढुलाई खर्चा विभागों को करना होगा वहन
इस संबंध में खाद्य आपूर्ति निगम ने सीमेंट की सप्लाई सुचारु बनाने के लिए एक पत्र लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ, जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ और निदेशक ग्रामीण विकास विभाग को भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि सीमेंट आपूर्ति की कमी को देखते हुए एसीसी और अंबुजा कंपनियों के सप्लाई ऑर्डर अल्ट्राटेक कंपनी को दे दिए हैं। इस सीमेंट कंपनी के सप्लाई ऑर्डर से ढुलाई खर्चा बढ़ेगा, उसे विभागों को वहन करना पडे़गा।

दो-तीन दिन में हल कर लेंगे सीमेंट प्लांट का मसला: नरेश
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार मीडिया और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि सरकार अंबुजा और एसीसी सीमेंट प्लांट की तालाबंदी को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से इस मामले को जल्द सुलझाने को कहा है। सरकार इन कंपनियों से जुड़े लोगों के हितों से किसी भी प्रकार से खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी दो-तीन दिन में समस्या का हल हो जाएगा।  प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि दोनों प्लांट में उत्पादन शुरू होने के साथ ही वार्ता का दौर भी जारी रहे। कंपनी के मालिक से बात करने के लिए सरकार तैयार है। टकराव से किसी का भी कोई लाभ नहीं होने वाला। सीमेंट की आपूर्ति सुचारु बनाए रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति न करने की सलाह दी। नरेश चौहान ने कहा कि ट्रकों के भाडे़ को लेकर यह विवाद चल रहा है। कंपनी और ऑपरेटरों के बीच प्रति किलोमीटर प्रति टन की राशि पर सहमति बनी थी। अब सत्ता परिवर्तन होते ही कंपनी ने अपनी सहमति से हाथ खींच लिए हैं।

हरियाणा के सूरजपुर से मंगवाई सीमेंट की सप्लाई

 अंबुजा और एसीसी प्लांट बंद होने के बाद अब प्रदेश में बाहरी राज्यों से सीमेंट की सप्लाई मंगवानी पड़ रही है। बीते दो दिन से सोलन, शिमला, किन्नौर, सिरमौर समेत अन्य जिलों में 100 से ज्यादा गाड़ियां सीमेंट की बाहर से मंगवाई गई है। इसमें एसीसी सीमेंट हरियाणा के सूरजपुर गोदाम से मंगवाया जा रहा है। जबकि, अंबुजा सीमेंट की सप्लाई अभी भी नालागढ़ प्लांट से दी जा रही है। अचानक हिमाचल से डिमांड जाने के बाद सूरजपुर गोदाम में लंबी कतारें लग रही है। यहां पर एक गाड़ी को भरवाने के लिए तीन से चार घंटे का समय लग रहा है।

इसमें ज्यादातर गाड़ियां हिमाचल की रहती हैं। डीलरों के अनुसार अचानक प्रदेश में सीमेंट की मांग बढ़ गई है। ऐसे में वह रोजाना सीमेंट की गाड़ियां मंगवा रहे हैं। उधर, सीमेंट डीलर आशु गुप्ता ने बताया कि पहले वह सीमेंट दाड़लाघाट से मंगवाते थे, मगर अब अंबुजा सीमेंट नालागढ़ से मंगवाना पड़ रहा है। वहीं, एसीसी सीमेंट के डीलर निशांत गोयल ने कहा कि वह अब सूरजपुर गोदाम से सीमेंट की सप्लाई मंगवा रहे हैं। 

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