सुनार ने मराठी बोलने से किया इंकार, नाराज लेखिका शोभा देशपांडे ने दुकान के बाहर 20 घंटे दिया धरना

मुम्बई. आभूषण की दुकान पर खरीदारी करने गई मराठी लेखिका शोभा देशपांडे ने सुनार द्वारा कथित तौर पर मराठी बोलने से इंकार करने और उन्हें वहां जाने के लिए कहने पर दुकान के बाहर करीब 20 घंटे तक धरना दिया. लेखिका ने गुरुवार को धरना शुरू किया. सुनार ने शुक्रवार को उनसे माफी मांगी. इसके बाद पुलिस उन्हें चिकित्सकीय जांच के लिए अस्पताल ले गई. राज ठाकरे नीत महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने देशपांडे विरोध का समर्थन किया और सुनार शंकरलाल जैन को मराठी सीखने तक दुकान नहीं खोलने की चेतावनी दी.

मनसे के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर जैन को थप्पड़ भी मारा. देशपांडे ने एक मराठी चैनल से बात करते हुए कहा कि वह दक्षिण मुम्बई में कान के बूंदे खरीदने एक सुनार की दुकान पर गई थीं. बातचीत के दौरान लेखिका ने जैन से मराठी में बात करने को कहा. उन्होंने कहा कि उनकी दुकान महाराष्ट्र की राजधानी में है और उन्हें मराठी बोलनी आनी चाहिए. दुकानदार ने कहा कि वह मराठी नहीं बोल सकता. लेखिका मराठी में बोल रही थी और वह नहीं.

देशपांडे ने आरोप लगाया, ‘मैंने हिंदी में बात नहीं की तो उसने मुझे सोना बेचने से इनकार कर दिया. उसने धृष्टतापूर्वक मुझे वहां से जाने को कहा.’ लेखिका ने कहा कि उन्होंने उससे दुकान का लाइसेंस मांगा, लेकिन उसने दिखाने से इनकार कर दिया. जब उन्होंने पुलिस को बुलाया तो वह सुनार को कोने में ले गई और इसके बाद देशपांडे वहां धरने पर बैठ गईं.

जैन ने शुक्रवार सुबह करीब 20 घंटे बाद लेखिका से मांगी मांगी और इसके बाद देशपांडे को अस्पताल ले जाया गया. इस बीच, मनसे के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और उन्होंने देशपांडे के साथ एकजुटता दिखाई और उन्हें सुनार को थप्पड़ मारते हुए भी देखा गया. मनसे नेता संदीप देशपांडे ने एक चैनल से कहा, ‘जब तक वह मराठी नहीं सीख जाता तब तक दुकान नहीं खोल पाएगा.’

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