सुप्रीम कोर्ट ने अमेजॉन-फ्यूचर-रिलायंस मामले से जुड़ी कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने अमेजॉन-फ्यूचर-रिलायंस मामले से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सभी कार्यवाहियों पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी, सेबी और सीसीआई से चार हफ्ते के लिए मामले से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित नहीं करने के लिए कहा है. बता दें कि पिछले महीने यानी अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई बहुचर्चित डील के खिलाफ Amazon की याचिका पर फैसला सुना दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुना दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर फिलहाल रोक लग गई है. बता दें कि इस सौदे को लेकर अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल कानूनी लड़ाई में उलझे हुए थे.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई 2021 यानी गुरुवार को रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के विलय के लिए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को चुनौती देने वाली ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. एफआरएल और अमेजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और गोपाल सुब्रमण्यम ने मामले में अपना पक्ष रखा था. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन और बी. आर. गवई ने कहा कि वह इस मामले में दलीलें बंद कर रहे हैं और फैसला सुरक्षित रखा जा रहा है. पीठ ने कहा था कि अब हम मामला (सुनवाई) बंद करते हैं. फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अमेजन ने न्यायालय में कहा था कि सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थ (ईए) का एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला वैध है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए. इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने एफआरएल और वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने अमेजन की पैरवी करते हुए अपनी-अपनी दलीलें दीं थीं, जिसके बाद न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने रिलायंस-एफआरएल सौदे को हरी झंडी दे दी थी.

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