तलाक-ए-हसन के खिलाफ मुस्लिम महिला की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: तलाक-ए-हसन  (Talaq-e-Hasan) के खिलाफ मुस्लिम महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है. महिला की ओर से जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भरोसा दिलाया कि वो शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेंगे.अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 19  जून को तलाक का आखिरी नोटिस मिल जाएगा. ऐसे में महिला को हलाला के लिए जाना पड़ेगा.

वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि ये राष्ट्रीय महत्व का मामला है. जस्टिस एमआर शाह ने कहा था 
कि आप सभी के हितों के चैंपियन नहीं हैं. उपाध्याय ने कहा था कि नोएडा की लगभग 30 वर्षीय पत्रकार के साथ हुआ है. अगर उन्हें तीसरा तलाक दिया जाता है तो एकमात्र विकल्प हलाला है. जहां उसे दूसरे आदमी के साथ रिलेशन बनाना होगा.  जस्टिस एमआर शाह ने कहा था किआप सबके हित के हिमायती नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शुरू में उपाध्याय को इसके बजाय हाईकोर्ट जाने को कहा था हालांकि उपाध्याय के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट छुट्टी के बाद मामले को सूचीबद्ध करने के लिए तैयार हो गया था. 

याचिका में केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह सभी के लिए लिंग तटस्थ धर्म, तलाक के तटस्थ समान आधार और तलाक की समान प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश तैयार करें.  यह याचिका गाजियाबाद की पत्रकार बेनजीर हिना ने दायर की है. उन्होंने याचिका में आरोप लगाया है कि उसका पति और उसका परिवार उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करता था.  जब उसने इनकार किया तो उसने एक वकील के माध्यम से उसे एकतरफा अतिरिक्त न्यायिक तलाक-ए-हसन दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग के लिए रजिस्ट्रार के पास जाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर रजिस्ट्रार बात नहीं सुनते हैं तो वो फिर से अदालत में आ सकते हैं. याचिकाकर्ता बेनज़ीर की ओर से पिंकी आनंद ने कहा था कि  उसका 8.5 साल का बेटा है. पहला नोटिस 20 अप्रैल को मिला था, मामले की जल्द सुनवाई की जाए.  इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता अगले हफ्ते सुनवाई के लिए मेंशन करें. मुस्लिम महिला की ओर से पिंकी आनंद ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था  कि 19 अप्रैल को उसके पति ने तलाक ए हसन के तहत उसे पहला नोटिस जारी किया. इसके बाद 20 मई को दूसरा नोटिस जारी किया गया. अगर अदालत ने दखल नहीं दिया तो 20 जून तक तलाक की कार्यवाही पूरी हो जाएगी इसलिए सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करे, लेकिन जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि 19 अप्रैल को पहला नोटिस जारी किया गया था, लेकिन आपने दूसरे नोटिस तक इंतजार किया. हम मामले पर कोर्ट खुलने के बाद सुनवाई करेंगे.  महिला की तलाक ए हसन को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है.

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