शाहजहांपुर के मिर्जापुर क्षेत्र में रामगंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से ग्राम बीघापुर पूर्वी पानी से घिर गया है। ग्रामीण चार फीट पानी से निकलकर जरूरत का सामान खरीदने जरियनपुर की बाजार पहुंच पा रहे हैं। वहीं जैतीपुर के कई गांवों को जाने वाली सड़क बाढ़ से कट गई है। विभिन्न गांवों की करीब 15 सौ की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बावजूद इसके प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
रामगंगा की बाढ़ का पानी ग्राम पहरुआ के निकट नदी से निकलकर मुरादाबाद-फर्रुखाबाद स्टेट हाईवे पर ग्राम तारापुर पुल से होकर ग्राम तारापुर, आलमगंज, गुलड़िया होते हुए ग्राम इस्माइलपुर, कम्मरपुर और मिर्जापुर की ओर बढ़ रहा है। रामगंगा की बाढ़ से ग्राम जरियनपुर की बस्ती दो तरफ से घिर गई है। रामगंगा से निकले अंधुईया नाले में चार फुट तक पानी है। इससे बीघापुर पूर्वी चौतरफा घिर गया है।
बुधवार को बीघापुर के ग्रामीण चार फुट गहरे अंधुईया नाले को पैदल पार करके जरियनपुर की बाजार पहुंचे। गांव के गुड्डू, हीरालाल, अशोक आदि ने बताया कि पिछले दिनों आई बाढ़ में गांव के तमाम लोगों ने तहसील प्रशासन से एक नाव की मांग की थी, जो प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराई।
बीघापुर पश्चिमी की कोलाघाट पुल के समीप हाईवे किनारे बसी आबादी जलमग्न हो गई है। ग्रामीण दरवाजे तक भरे गहरे पानी से निकलकर रोड पर आ जा रहे हैं। बाढ़ से घिरे दोनों गांवों के साथ ही गंगानगर, देवनगर, रामनगर, पहरुआ आदि गांवों की तैयार धान, ज्वार, बाजरा, उर्द, तिल की फसलों में भी बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। इससे फसलों के नष्ट होने की आशंका है।
हजारों बीघा फसलें बाढ़ की चपेट में
जैतीपुर में रामगंगा नदी में बढ़े जलस्तर ने फसलों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। क्षेत्र के मरेना, केसीनगला, धुबला करीमनगर, बस्ती नगला, रामनगर, खूबपुर अचिंतपुर आदि गांव में हजारों बीघा धान, बाजरा, मूंगफली, तिलहन की फसल जलमग्न हो चुकी है। इसके साथ ही कई गांव भी चपेट में आ गए हैं।
रामगंगा नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद कटान भी शुरू हुआ है। कई गांव के रास्ते बंद हो गए हैं। लोहार गढ़ी के चारों तरफ रामगंगा का पानी भरा हुआ है। क्षेत्र की ग्राम पंचायत जगतियापुर का मजरा गांव लोहरगढ़ी रामगंगा के किनारे बसा हुआ है। यदि पानी बढ़ता रहा तो गांव में पानी भर जाएगा। ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार ने बताया कि तहसील के अधिकारियों को सूचना दी गई है। लेखपाल ने निरीक्षण कर नाव उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
मरेना की नंदीशाला में 32 मवेशी फंसे
रामगंगा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर ने मरेना गांव की नंदीशाला को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इसमें करीब 32 मवेशी फंसे हैं। ग्राम प्रधान रामचंद्र वर्मा ने बताया है कि नंदीशाला के पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था लगातार की जा रही। अगर जलस्तर इसी तरह से बढ़ता रहा तो पशुओं को बाहर निकालने की व्यवस्था की जाएगी।
ये सड़कें हुईं जलमग्न
निजामपुर नगरिया से केसीनगला का संपर्क मार्ग टूट गया है। इससे केसीनगला, शिवनगर, बोझी, रामनगर, सिमरिया समेत लगभग आधा दर्जन गांव के लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं रामपुर गांव से हजरतपुर जाने के लिए संपर्क मार्ग पर पानी चल रहा है। साथ ही गढ़ियारंगीन से दातागंज को जाने वाला मार्ग भी जलमग्न हो गया है।
रामगंगा की बाढ़ से प्रभावित गांव
रामनगर, केसी नगला, खूबपुर, अचिंतपुर, धुबला करीमनगर, घसाकल्याणपुर, रामपुर, अमरेडी, नगला देहात माली, अंतू गौटीया, जगतियापुर, सरसवा, लोहर गढ़ी, मरेना, बस्ती नगला, डभौरा, रुद्रपुर, अजमाबाद, पिरी मावड़, छेदा पट्टी, नाउट, पहाड़पुर, सीमरा, गौटीया, शिवराजपुर, कन्हानी आदि गांव प्रभावित हैं।
रामगंगा, गर्रा और खन्नौत का जलस्तर बढ़ा
रामगंगा, गर्रा और खन्नौत नदी का जलस्तर बढ़ गया है। प्रभारी अधिकारी बाढ़ नियंत्रण शारदा नहर खंड से जारी रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को रामगंगा का जलस्तर 160.660 गेज था, जो कि बुधवार को बढ़कर 161.081 हो गया है। गर्रा नदी का जलस्तर मंगलवार को 144.80 गेज था, जो बुधवार को 145.80 गेज हो गया है।
खन्नौत नदी का जलस्तर मंगलवार को 143.60 गेज था, जो कि बुधवार को बढ़कर 143.80 गेज हो गया है। नरौरा बैराज से गंगा में बुधवार को 46458 क्यूसेक पानी, रामगंगा नदी में विभिन्न बैराजों से 21, 156 क्सूसेक पानी छोड़ा गया है। दियूनी बैराज से गर्रा नदी में 1,188 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण रामगंगा में पानी बढ़ने लगा है। इसकी निगरानी के लिए टीमों को लगाया जा रहा है। नावों को रामगंगा के क्षेत्रों में भेजा जाएगा।