सुशील ने डर फैलाने के लिए पहलवान की पिटाई की रिकॉर्डिंग कराई:पुलिस

ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार हत्या मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. उन पर 23 साल के एक पहलवान की हत्या का आरोप लगा है. दिल्ली पुलिस ने 23 मई को कोर्ट में इस मामले में एक बड़ा खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि पहलवान सुशील कुमार ने पूरी घटना की रिकॉर्डिंग कराई थी ताकि वो शहर के पहलवानी समुदाय को ‘आतंकित’ कर सकें.

23 मई को गिरफ्तार हुए सुशील और उनके साथियों ने 23 साल के सागर राणा और उसके दो दोस्तों की पिटाई की थी, जिसके बाद तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राणा की बाद में मौत हो गई थी.

पुलिस ने कोर्ट को बताया, “सुशील ने अपने दोस्त प्रिंस से वीडियो बनाने को कहा था. सुशील और उनके साथियों ने पीड़ितों को जानवरों की तरह मारा । वो पहलवानी समुदाय में अपना डर बनाना चाहते थे.”

दिल्ली पुलिस को सुशील कुमार की छह दिन की कस्टडी मिल गई है. साथ ही सागर राणा हत्या मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है.  

सुशील पर क्या आरोप लगे?

दिल्ली पुलिस डिप्टी कमिश्नर (स्पेशल सेल) प्रमोद कुशवाहा ने सुशील कुमार और उनके साथी अजय पर लगे आरोपों की जानकारी दी थी. कुशवाहा ने बताया, “उन पर हत्या, हत्या की कोशिश, हमला, आपराधिक साजिश, आपराधिक धमकी और बाकी संबंधित सेक्शन समेत आर्म्स एक्ट में केस दर्ज है.”कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि कुमार गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले 18 दिनों में सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सीमाएं पार कर चुके हैं. पुलिस ने कहा कि सुशील लगातार सिम बदलते रहे. 

कई दिनों तक फरार रहे सुशील

सुशील कुमार लगभग तीन हफ्तों तक पुलिस के चंगुल से बचते रहे. दिल्ली पुलिस ने सुशील की जानकारी के लिए 1 लाख का ईनाम भी रखा था. पुलिस सुशील कुमार को पकड़ने के लिए दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में रेड भी मार रही थी.23 मई को उन्हें और सह-आरोपी अजय को दिल्ली के बाहरी इलाके मुंडका से गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक, सुशील और उनके साथियों ने 4 मई को सागर राणा की छत्रसाल स्टेडियम में बुरी तरह पिटाई की थी.  

18 मई को सुशील कुमार ने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. सुशील ने दावा किया था कि उनके खिलाफ ‘पक्षपातपूर्ण’ जांच चल रही है. हालांकि, कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ ‘गंभीर’ आरोप लगे हैं और प्राइमा फेसी वो ‘मुख्य आरोपी’ हैं.

कुमार ने 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में 66 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता था.

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