निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार 31 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

लखनऊ: भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम अदालत ने ट्रक चालकों से कथित अवैध वसूली के मामले में महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को सोमवार को 31 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

ट्रकों के चालकों से अवैध वसूली करने का आरोप
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम लोकेश वरुण ने यह आदेश पारित किया। इससे पहले, पाटीदार को एक क्रशर कारोबारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में भी न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। पाटीदार ने 15 अक्टूबर को लखनऊ की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। अदालत ने महोबा कोतवाली पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी। पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक नीतीश पांडे ने पाटीदार तथा कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले उसके ट्रकों के चालकों से अवैध वसूली करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।

त्रिपाठी की 2020 में संदिग्ध हालात में मौत
निलंबित आईपीएस अधिकारी पाटीदार महोबा में एक क्रशर व्यवसायी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में पिछले डेढ़ साल से फरार थे और उन्होंने पिछले शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया था। महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्र कांत त्रिपाठी की 2020 में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक रहे पाटीदार पर त्रिपाठी से प्रतिमाह छह लाख रुपए रिश्वत मांगने का भी आरोप है।

गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम था घोषित
त्रिपाठी ने अपनी मृत्यु से पहले एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने पाटीदार द्वारा अपनी हत्या कराए जाने की आशंका जाहिर की थी। वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद त्रिपाठी की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने पाटीदार को निलंबित कर दिया था और उनकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। पाटीदार उसके बाद से ही फरार थे।

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