सरकार और किसानों के दसवें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा, अगली बैठक 22 जनवरी को

सरकार ने 10वें दौर की बातचीत में कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि किसानों ने सरकार से मीटिंग में साफ कहा है कि आज की बैठक में कानून ख़त्म करने और एमएसपी पर क़ानून से कम में कोई समझौता नही होगा.

सरकार ने कहा वो इंतज़ार करने के लिए तैयार

सूत्रों के मुताबिक कृषि मंत्री ने किसान यूनियनों से कहा कि वो किसानों और सरकार के सदस्यों के साथ एक समिति का गठन करें. समिति कानूनों पर क्लॉज वाइज़ चर्चा कर सकती है, जब सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को 2 महीनों के लिए स्थगित कर दिया है. सरकार ने कहा है कि बातचीत जारी रहती है तो वो कृषि कानूनों के कार्यन्वयन के लिए 1 साल तक इंतज़ार कर सकती है.

सरकार शंका दूर करने के लिए हलफनामा देने को तैयार

कृषि मंत्री ने किसान यूनियनों से कहा कि सरकार किसानों के मन में किसी भी तरह की शंका को दूर करने के लिए SC में एक हलफनामा देने को तैयार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर दोनों पक्षों को बैठक समाप्त होने से पहले आम सहमति तक पहुंचना चाहिए.

सरकार ने 18 महीने तक कानून स्थगित करने का दिया प्रस्ताव

बैठक में सरकार ने कमेटी बना कर 18 महीनों के लिए क़ानून को ठंडे बस्ते में डालने की बात कही, लेकिन किसान क़ानून को ख़त्म करने से कम पर मानने को तैयार नही हैं. किसानों ने साफ़ कहा आज की बैठक में कानून ख़त्म करने और एमएसपी पर क़ानून से कम पर कोई समझौता नही होगा.

बातचीत में अब तक नहीं निकला कोई नतीजा, MSP पर चर्चा के लिए सरकार तैयार नहीं

किसानों के प्रतिनिधि और सरकार के बीच चल रही बातचीत में ब्रेक लिया गया है. किसान नेताओं के मुताबिक अभी तक इस बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है. मीटिंग में किसानों ने NIA के नोटिस को लेकर विरोध जताया, जिस पर मंत्री जी ने कहा कि वो इस मामले की जानकारी लेंगे. सरकार ने कानूनों में संशोधन की बात रखी है, जिस पर किसानों ने कानूनों की वापसी की बात की है. सरकार फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा के लिए तैयार नहीं.

किसान प्रतिनिधियों से 10वें दौर की वार्ता में तीन केन्द्रीय मंत्री मौजूद

तीन केन्द्रीय मंत्रियों और किसान समूहों के प्रतिनिधियों के बीच नये कृषि कानूनों को लेकर दसवें दौर की वार्ता विज्ञान भवन में जारी है. ये किसान समूहों के प्रतिनिधियों और सरकार की दसवें दौर की वार्ता है.

किसान संगठनों और सरकार की बातचीत शुरू

किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत अब शुरू हो गई है. सरकार की तरफ से इसमें रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं.

जब कानून बहाल हो तब प्रदर्शन करें, लेकिन अभी तो रोक है- CJI

CJI एसए बोबडे ने किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रशांत भूषण से कहा कि हमने कानून पर रोक लगा दी है. ऐ़़से में कोई रास्ता तो होगा. इस पर भूषण ने कहा अदालत तो सिर्फ कानून कि संवैधानिकता पर विचार करेगी और कानून को जारी भी रख सकती है. CJI ने कहा कि जब हम कानून को बहाल करें तब आप प्रदर्शन करें, लेकिन अभी तो कानून पर रोक है. आप दिल्ली आने जाने वाले लोगों और कोई हिंसा नहीं होगी. क्या इस पर आश्वासन देंगे. इस पर भूषण ने कहा कि हमारे मुव्वकिल शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रशांत भूषण से CJI ने पूछा- आखिर क्या चाहते हैं आपके मुवक्किल?

CJI ने प्रशांत भूषण से पूछा कि आपके मुव्वकिल क्या चाहते हैं. आप उन्हें समझाइए. इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके मुव्वकिल चाहते हैं कि तीनों कानून वापस लिए जाएं, क्योंकि उन पर चर्चा नहीं हुई है. भूषण ने कहा कि हमारे मुव्वकिल शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसी समिति की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे 8 किसान संगठन

दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण जिन आठ संगठनों को कोर्ट में पेश करते हैं. उन्होंने फैसला लिया है कि वह किसी समिति कि कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे.

समिति में एक सदस्य की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान ने खुद को समिति से अलग कर लिया था. ऐसे में समिति में एक जगह खाली हो गई है. आवेदक ने समिति में बदलाव और इस स्थान को भरने की मांग की है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

किसानों की मांग- फिर से गठित की जाए समिति

किसान महा पंचायत के वकील ने कहा कि समिति फिर से गठित की जाए, क्योंकि एक सदस्य हट गया है और तीन सदस्यों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस पर CJI ने कहा कि बीते समय अगर किसी ने अपने विचार किसी मुद्दे पर व्यक्त किए तो क्या वह समिति में शामिल रहने लायक नहीं. आप क्या चाहते हैं निजी विचार खत्म कर दिया जाए. जजों का भी अपना विचार होता है तो क्या करेंगे. यह अनुचित है.CJI ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि आप लोग किसी कि छवि इस तरह से कैसे खराब कर सकते हैं. किसान महा पंचायत तीनों सदस्यों को हटाने कि मांग कर रही है. जबकि तीनों सदस्य इस क्षेत्र में माहिर हैं.

अन्य सभी संगठनों को भी पक्षकार बनाया जाए- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दुष्यंत दवे ने कहा कि 378 किसान संगठन और हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अन्य सभी संगठनों को भी पक्षकार बनाया जाए.

जो समिति में बदलाव की मांग कर रहे हैं वो कौन हैं- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की गठित की गई समिति में बदलाव कि मांग वाले किसान महा पंचायत के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों ने समिति के गठन का विरोध किया है, वो कौन हैं.

दिल्ली पुलिस ने वापस लिया ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने का आवेदन

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में रैली पर रोक लगाने के आवेदन को वापस लेने की मांग की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने इस आवेदन में ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग की थी.

पुलिस ट्रैक्टर रैली से निपटने में सक्षम, रोक लगाने का आवेदन वापस लें- CJI

जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस  एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी है. इस दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि दिल्ली पुलिस का आवेदन ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने का है. इसके जवाब में CJI ने कहा, “हम इस आवेदन पर आदेश नहीं देंगे. आप आवेदन वापस लें. पुलिस रैली से निपटने में सक्षम है.”

इतनी जल्दी नहीं निकलेगा समाथान, संसद का सत्र बुलाना होगा- टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार और किसानों की बातचीत का समाधान इतना जल्दी निकलने वाला नहीं है. उनका कहना है कि इसके लिए सरकार को सत्र बुलाना होगा. उन्होंने कहा कि 15-20 दिन तो वैसे ही निकल जाएंगे मुकदमों का साफ करते-करते.

विज्ञान भवन में पुलिस और किसानों की चर्चा शुरू

ट्रैक्टर परेड को लेकर दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और हरियाणा पुलिस के साथ विज्ञान भवन में किसानों की बैठक शुरू हो चुकी है. मीटिंग से पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमने पहले ही बता दिया है कि रिंग रोड पर ट्रैक्टर मार्च होगा. उन्हें यह मांग माननी होगी. मीटिंग के बाद बाकी जानकारी साझा की जाएगी. ट्रैक्टर मार्च से किसी को परेशानी नहीं होगी.

बातचीत से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं – किसान नेता

दो दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे. सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है. इस परिस्थिति में बहुत कुछ होगा ऐसी कोई उम्मीद नहीं है: किसानों और सरकार के बीच आज की वार्ता पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह

विज्ञान भवन में आज दो अहम बैठक

दिल्ली के विज्ञान भवन में आज दो बैठक होंगी. पहली बैठक दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ किसान नेताओं की होगी. यह बैठक आगामी 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर है. पुलिस के साथ किसानों की बैठक पहले भी हो चुकी है. लेकिन आज की बैठक काफी अहम मानी जा रही है.दूसरी बैठक किसानों के साथ सरकार की है. विज्ञान भवन में इस बैठक में तीनों कृषि कानूनों को लेकर चर्चा होनी है. सूत्रों के मुताबिक, किसान सरकार से एनआईए की जो रेड पड़ रही है इसके अलावा एमएसपी और कई मुद्दों पर बात करेंगे.

आज की बैठक से भी उम्मीद नहीं – किसान नेता

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 56वें दिन भी जारी है. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष ने बताया,”आज की बैठक से भी उम्मीद नहीं है. इसका नतीजा पहली बैठक जैसा ही रहेगा क्योंकि सरकार का कानूनों को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने का मन नहीं है.”

गाजीपुर बॉर्डर पर भी प्रकाश पर्व की तैयारियां

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती (‘प्रकाश पर्व’) मना रहे हैं.

विज्ञान भवन में किसानों और दिल्ली पुलिस की मीटिंग

दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं की मीटिंग आज सिंघु बॉर्डर पर ना होकर विज्ञान भवन में 11 बजे होगी.

प्रकाश पर्व पर अरदास कर रहे किसान

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरु गोविंद सिंह के ‘प्रकाश पर्व’ पर अरदास की. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “गुरु गोविंद सिंह हमारे 10वें गुरु हैं. उन्होंने सिख पंथ की नींव रखी थी. उनकी कुर्बानी बहुत बड़ी है.आज हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है.”

गुरुग्राम: किसान बुधवार को करेंगे ट्रैक्टर रैली की रिहर्सल

गुरुग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि वे तीनों कृषि कानूनों (Farmer law) के विरोध में किसानों के समर्थन के तहत गणतंत्र दिवस से पहले बुधवार को गुरुग्राम में ट्रैक्टर रैली का पूर्वाभ्यास करेंगे. एसकेएम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि बुधवार को ट्रैक्टर रैली का पूर्वाभ्यास बजघेरा फ्लाईओवर से शुरू होगा और दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर विरोध स्थल पर समाप्त होगा.पूर्वाभ्यास में लगभग 100 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे. सभी ट्रैक्टरों में मोर्चा के सदस्य मौजूद होंगे और राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलेंगे. सिंह ने कहा, “केंद्र सरकार कृषि कानूनों की खामियों से अवगत है, लेकिन अपनी गलती को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर निर्दोष किसानों को लगातार परेशान कर रही है. सरकार को अपने अभिमानी व्यवहार को छोड़ देना चाहिए और काले कानून को वापस लेना चाहिए.

सिंघु बॉर्डर से शिमला पहुंचे तीन किसान, गिरफ्तार

हिमाचल प्रदेश – पुलिस ने तीन किसानों को गिरफ्तार किया. ये तीनों सिंघु बॉर्डर से शिमला पहुंचे थे और वहां प्रदर्शन करना चाहते थे. एसपी बोले – ये किसान बिना इजाजत के रिज मैदान में प्रदर्शन करने की कोशिश में थे.

SC की कमेटी नहीं सुलझा पाएगी गतिरोध – सुखबीर सिंह बादल

शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को दावा किया कि विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग को ठुकराने के बाद से केंद्र एवं किसानों के बीच जारी गतिरोध को सुलझाने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ‘सकारात्मक भूमिका’ निभा नहीं पाएगी. उन्होंने कहा कि ‘किसान शक्ति’ में बीजेपी का ‘सफाया करने’ की ताकत है.

किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को होगी: अनिल घणावत

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी की सदस्य अनिल घणावत ने कहा कि ये निर्णय लिया गया है कि किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को होगी. बैठक उन संगठनों के साथ आयोजित की जाएगी जो हमें व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उन लोगों के साथ आयोजित की जाएगी जो हमारे पास नहीं आ सकते.

किसानों को नोटिसों में उलझाना चाहती है सरकार – राकेश टिकैत

सरकार NIA के नोटिस भेज रही है, मुकदमें कर रही है. वे किसानों को इसमें उलझाना चाहते हैं ताकि किसानों का ध्यान इस पर केंद्रित हो जाए और वे दूसरे मामलों को छोड़ दें: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता

26 जनवरी को रिंग रोड के ऊपर निकालेंगे ट्रैक्टर परेड- किसान नेता

दिल्ली पुलिस से मुलाकात के बाद कल किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हमने पुलिस को बताया कि 26 जनवरी को हम रिंग रोड के ऊपर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. यह परेड पूरी तरह से शांति के साथ होगी. रूट योजना अभी हम तय करेंगे, 6 बॉर्डर से लोग आएंगे.

किसान आंदोलन का 56वां दिन

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के प्रदर्शन का आज 56वां दिन है. आज किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 10वें दौर की बैठक होनी है. बैठक 2 बजे विज्ञान भवन में होगी

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