मुख्य सचिवों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों को इंस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट के रूप में विकसित करना होगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसे जिला स्तर से आगे बढ़ाते हुए शहर और ब्लॉक स्तर तक लेकर जाना होगा।
प्रधानमंत्री ने धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में चल रहे सम्मेलन में कहा कि देश के श्रेष्ठ युवा अफसरों को इन आकांक्षी जिलों में नियुक्ति देनी होगी, ताकि वे वहां अपनी रचनात्मक सोच और नए विचारों के बलबूते इस कार्यक्रम को सफल बना सकें। शिक्षा प्रणाली में सुधार को लेकर उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक और मोबाइल लर्निंग एप्स से शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को मजबूत किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अवार्ड जीत चुके सेवानिवृत्त शिक्षक अपना योगदान दें। उन्हें स्कूलों में आना चाहिए और सेवारत शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में योगदान देना चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष टीवी चैनल शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने 2022-23 के बजट का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 200 ऐसे टेलीविजन चैनल शुरू करने की घोषणा की थी, जिनसे देश के दुर्गम क्षेत्रों में भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा मुहैया करवाई जा सके।
वहीं, सचिव (वित्त एवं व्यय) ने बैठक में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मजबूत राजकोषीय प्रबंधन को लेकर एक इंटरएक्टिव सत्र लिया। इस सत्र में उन्होंने योजनाओं के उचित युक्तिकरण और राजकोषीय घाटे से निपटने के उपायों पर भी विमर्श किया।
मुख्य सचिवों ने किया शहरी शासन व शिक्षा नीति पर मंथन
मुख्य सचिवों ने प्रधानमंत्री के सामने शहरी शासन और शिक्षा नीति पर मंथन किया। शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री इस सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने फसल विविधिकरण और कृषि वस्तुओं में आत्मनिर्भरता विषय पर भी मुख्य सचिवों और अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विषयगत क्षेत्र के विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व करने वाले 200 से अधिक लोग उपस्थित रहे।