महाराष्ट्र में चल रहे घटनक्रम पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महाविकास अघाड़ी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ये लूट की महा-अघाड़ी है. ये सिर्फ एक मंत्री का केस नहीं है , बल्कि उद्धव सरकार पर सवाल है, जो मोरल अथॉरिटी खो चुकी है. रवि शंकर प्रसाद ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि 100 करोड़ की उगाही करना एक्सटॉरशन होता है.
शरद पवार की खामोशी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की शांति क्या कहती है. कानून मंत्री ने कहा कि सदन के अंदर और बाहर उनके सचिन वाजे को डिफेंड करने पर और गंभीर सवाल उठ रहे हैं. उगाही वाले मामले पर बीजेपी नेता ने कहा कि सचिन वाजे की हैसियत असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर की है. यह मामला बहुत गंभीर है, इसकी जांच बहुत ज़रूरी है. इसमें मुख्यमत्री, होम मिनिस्टर, पुलिस कमिश्नर की भूमिका हो सकती है.
‘सचिन वाजे से और कितने गंदे काम करवाए?’
महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोलते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सचिन वाजे को 100 करोड़ की उगाही करने का आदेश गृहमंत्री देते हैं. उससे और कितने गंदे काम करवाए गए हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा शरद पवार एक सीनियर नेता है. उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. सालों तक सचिन वाजे सस्पेंडेड था. कोरोना काल में उसे नियुक्त किया गया. उन्होंने शिवसेना पर सदन के अंदर और बाहर सचिन वाजे के रोल को डिफेंड करने का आरोप लगाया.
‘शरद पवार का क्या रोल है?’
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सचिन वाजे 2008 से शिवसेना का सदस्य है. उगाही मामले में शरद पवार का क्या रोल है?. उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह ने भी कहा है कि वह उन्हें ब्रीफ करते थे. वह बड़े नेता हैं लेकिन सरकार का हिस्सा नहीं हैं. बतादें कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार मिलने के मामले में तबादला किए गए मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है.
सीएम को लिखे गए लेटर में आरोप है कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इसी मामले में गिरफ्तार हुए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए बार, रेस्टोरेंट और होटल से वसूली करने का टारगेट दिया था. परमबीर सिंह ने अपने इस लेटर में एसपी पाटील नाम के पुलिस अधिकारी के साथ हुई उनकी बातचीत का जिक्र किया है.