बाल संप्रेक्षण गृह के नाबालिगों की मानसिक स्थिति की अधिकारियों ने की जांच

मानसिक तनाव, अवसाद एवं मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक परामर्श की व्यापकता की समझ समाज में आ गई है। बात चाहें नाबालिगों के मानसिक स्वास्थ्य की ही क्यों न हो। इसी कड़ी में गुरूवार को बलौदाबाजार मानसिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने बाल संप्रेक्षण गृह का दौरा कर दो नाबालिगों के मानसिक स्थिति की जांच की। इन दोनों बच्चों को पुलिस द्वारा संप्रेक्षण गृह में लाया गया था।

साथ ही बाल सम्प्रेक्षण गृह में पहले से रह रहे 13 नाबालिगों को तनाव अवसाद, घबराहट, चिंता से मुक्ति दिलाने के लिए माइंडफुलनेस का सत्र भी लिया, ताकि इनके मन को शांत कर उनमें सकारात्मकता का संचरण किया जा सके। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी के मार्गदर्शन में बाल संप्रेक्षण गृह में रह रहे बलौदाबाजार जिले के दो बच्चों की मानसिक स्थिति की जांच के लिए जिला नो़डल अधिकारी डॉ. राकेश कुमार एवं जिला सलाहकार डॉ. सुजाता पांडे ने बाल सम्प्रेक्षण गृह, महासमुंद का दौरा किया।

वहां रहने वाले सभी 13 नाबालिगों के लिए माइंडफुलनेस पर सत्र भी लिया गया। इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया आज हर उम्र के लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे हैं ,जिसको समझना अत्यंत आवश्यक है। शरीर को स्वस्थ भोजन के साथ साथ मन को सकारात्मक रखना जरूरी है, जिससे नकारात्मक विचार हावी न हों। मेडिटेशन और माइंडफुलनेस जीवन में सकारात्मकता लाती है।

योग ध्यान एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया है , इसे बच्चों के जीवन में शामिल करने से वह मानसिक और शारिरिक रूप से स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके। उल्लेखनीय है कि महासमुंद बाल सम्प्रेक्षण गृह में बलौदाबाजार के दो बच्चे भी रखे गए हैं। उन बच्चों की मानसिक स्थिति की जांच करने के लिए सीएमएचओ मार्गदर्शन में जिले के अधिकारियों द्वारा गुरुवार को बाल संप्रेक्षण गृह जाकर दोनों बच्चों की मानसिक स्थिति की जांच की गई। साथ ही अन्य बच्चों को माइंडफुलनेस के तरीके बताए गए।

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माइंडफुलनेस सत्र में बताया गया

माइंडफुलनेस सत्र में बच्चों में तनाव, अवसाद, नकारात्मकता को दूर करने के तरीके बताये गये। वर्तमान समय में तनाव, अवसाद, नकारात्मकता और भय का माहौल है, ऐसे माहौल में आवश्यकता है सकारात्मकता की और वह माइंडफुलनेस से ही संभव है। जिला सलाहकार मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ सुजाता पांडे ने बताया “माइंडफुलनेस एक तकनीक या थेरेपी है, जिसमें व्यक्ति को वर्तमान में जीने की प्रेरणा दी जाती है। माइंडफुलनेस में हर परिस्थिति में कैसे सजग रहें, और ध्यान योग के माध्यम से उस परिस्थिति को महसूस करें इसे बताया जाता है। यह दिमाग को भविष्य की चिंता और भूतकाल के किसी कड़वे अनुभव, दोनों से दूर रखता है।“

माइंडफुलनेस के फायदे – नियमित 5 से 15 मिनट के माइंडफुलनेस अभ्यास से कई फायदे हैं, जिनमें मुख्य रूप से भावनात्मक स्थिरता, तनाव मुक्त जीवन, क्रोध पर नियंत्रण, एकाग्रता का बढ़ना, मन में शांति और खुशी, आपसी समझ और सहयोग में बढ़ावा, अच्छी नींद आना तथा सही निर्णय लेने में आसानी होना आदि शामिल है।

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