मुज़फ्फरनगर वीडियो में दिखी शिक्षिका ने कहा, वीडियो को एडिट कर वायरल किया गया

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक वायरल वीडियो में छात्रों को अपने सहपाठी को पीटने के लिए उकसाते हुए देखी गई स्कूल शिक्षिका ने शनिवार को कहा कि जो वीडियो वायरल हुआ वह एडिट और काटा गया था और उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि इलाके में हिंदू और मुस्लिम एकता के साथ रहते हैं। नेहा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल तृप्ता त्यागी, जो वायरल वीडियो में छात्रों को अपने सहपाठी को पीटने के लिए उकसाती नजर आ रही थीं, ने अपने सफाई में कहा कि हमारे स्कूल में कई छात्र मुस्लिम हैं, उस दिन वह बच्चा अपना होम वर्क करके नहीं लाया था और बच्चे के परिजनों के तरफ से कहा गया था कि इसपर सख्ती बरतें। 

मेरा ऐसा इरादा नहीं 

प्रिंसिपल ने आगे कहा कि मैं विकलांग हूं इसलिए मैंने अन्य 2-3 छात्रों से पिटाई करवाई ताकि वह होम वर्क कर ले क्योंकि परीक्षा आने वाली है। वह 2 महीने से अपना होम वर्क नहीं करके आ रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने वायरल वीडियों में कहा था मुहम्मदन मां को अपने बच्चों को उनके मामा के घर नहीं ले जाना चाहिए क्योंकि परीक्षा नजदीक आ रही है। लेकिन उन्होंने इस वीडियो को काट दिया और मुहम्मदन शब्द रहने दिया। मेरा ऐसा इरादा नहीं था। दूसरी ओर पीड़ित छात्र के पिता ने कहा कि मेरा बेटा 7 साल का है। यह घटना 24 अगस्त की है। शिक्षक ने छात्रों से मेरे बच्चे को बार-बार पिटवाया। मेरे भतीजे ने वीडियो बनाया, वह किसी काम से स्कूल गया था…मेरे 7 साल के बच्चे को एक-दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया। 

जारी है राजनीति

बच्चे के पिता ने कहा कि वह डरा हुआ है…यह कोई हिंदू-मुस्लिम मामला नहीं है। हम चाहते हैं कि कानून अपना काम करे। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा है कि मामले में शिकायत दर्ज कर ली गई है और कार्रवाई की जाएगी। मुजफ्फरनगर के डीएम अरविंद मल्लप्पा ने कहा कि वायरल वीडियो में दिख रहे बच्चे को बाल कल्याण समिति से परामर्श सत्र मिल रहा है। मामले को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की है। कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम, एसपी और अन्य ने इस घटना के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आरएसएस को दोषी ठहराया है और कहा है कि “यह उनकी (बीजेपी-आरएसएस) नफरत की राजनीति का परिणाम है” और सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार से सवाल किया कि “क्या हुआ” बुलडोजर और ठोक दो।”

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