यूपी सरकार में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो अंदर से हाथी और साइकिल हैं: संजय निषाद

यूपी सरकार के राज्य मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) के इस्तीफे और उनके लगाये आरोपों पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) का बड़ा बयान आया है. संजय निषाद ने कहा है कि मैं तो बहुत पहले सेकह रहा हूं कि एक-दो ऐसे अधिकारी हैं जिनकी वजह से सरकार की किरकिरी होती है. कुछ अधिकारी अंदर से हाथी, साइकिल होते हैं और ऊपर से कमल वाले हो जाते हैं.

मंत्री बोले सीएम करते हैं कार्रवाई?
मंत्री संजय निषाद ने कहा, “समय आने पर उनका चरित्र सामने आता है. मुख्यमंत्री का धन्यवाद की ऐसी सूचना मिलने पर जांच होती है. जांच में दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई भी होती है. आगे भी ऐसे जितने अधिकारी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी.” वहीं उन्होंने दिनेश खटीक के आरोप पर कहा कि किससे प्रेरित होकर क्या आरोप है, यह उनका निजी मामला है. लेकिन इन 100 दिन में ऐसी व्यवस्था बनाई गई है. हर 15 दिन में मंत्री समूह की बैठक होती है. उसमें सबको अवसर भी मिलता है और उनकी समस्याएं मुख्यमंत्री सुनते हैं. उस पर कार्रवाई करते हैं.

सीएम करते हैं चिंता
संजय निषाद ने कहा, “100 दिन में ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें किसी ने अपनी बात रखी हो और मुख्यमंत्री ने संतुष्ट ना किया हो. दलितों का, सभी वर्गों का बहुत सम्मान है. तभी सभी वर्गों ने मिलकर योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाया है. किसी का निजी मामला हो सकता है. उसमें पूरे समुदाय को नहीं कह सकते हैं. कुछ मामले होंगे उनके वही बता सकते हैं. लेकिन दलित के साथ-साथ कोई ऐसा समुदाय नहीं जिसकी पीएम मोदी, सीएम योगी चिंता न करते हों. उनकी समस्याओं के समाधान की व्यवस्था ना करते हो.”

ट्रांसफर पर क्या बोले?
योगी सरकार के मंत्री ने कहा, “सब लोगों को खुश रखने की व्यवस्था, सबको सत्ता का सुख, सबको सत्ता का स्वाद, सत्ता में न्याय, सुरक्षा और समृद्धि बीजेपी करके दिखा रही है.” अपने मत्स्य विभाग के तबादलों पर बोले संजय निषाद ने कहा कि मैंने अपने अधिकारियों को बता दिया कि कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जिनके निजी मामले हैं, उनकी समस्या है. अगर वह ट्रांसफर पॉलिसी में आते हैं तो उनकी मदद की जाए, क्योंकि हमारे यहां कर्मचारी कम हैं. उन्हीं से काम लेना है. इसलिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जो ट्रांसफर हुए हैं, अगर उनमें जरूरी होगा और ट्रांसफर नीति में आएंगे तो निश्चित रूप से कर्मचारी की बात सुननी पड़ेगी. सारे तबादले वापस लेने की बात को नकारा, कहा कि सब लोग ज्वाइन कर रहे हैं.”

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