भारत यात्रा करने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों का नहीं होगा कोरोना टेस्ट: स्वास्थ्य मंत्रालय

भारत (India) की यात्रा करने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन से पहले और बाद में कोविड टेस्ट (Covid Test) कराने से छूट दी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने इसकी जानकारी दी है. हालांकि, अगर वे आगमन पर या होम क्वारंटाइन अवधि के दौरान उनमें कोरोनावायरस (Coronavirus) के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार टेस्ट और इलाज करवाना होगा. भारत यात्रा के दौरान यात्रियों को यात्रा से पहले और फिर यहां पहुंचने कोविड टेस्ट करवाना जरूरी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, ‘पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन से पहले और बाद के टेस्ट दोनों से छूट दी गई है. हालांकि, यदि आगमन पर या होम क्वारंटाइन अवधि के दौरान कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उनका निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार टेस्ट और इलाज किया जाएगा.’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दुनिया भर में बढ़ते वैक्सीनेशन (Worldwide Vaccination) कवरेज और कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) की बदलती प्रकृति के मद्देनजर भारत में अंतरराष्ट्रीय आगमन के दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है.

अगले आदेश तक मान्य होगी गाइडलाइंस

गाइडलाइंस में आगे कहा गया, ‘कुछ क्षेत्रीय भिन्नताओं के साथ कोविड महामारी (Pandemic) में दुनियाभर में गिरावट देखने को मिल रही है. वायरस की लगातार बदलती प्रकृति और SARS-CoV-2 वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOCs) के विकास की निगरानी की आवश्यकता अभी भी ध्यान में होनी चाहिए.’ मंत्रालय ने कहा कि यह स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) 12 नवंबर से अगले आदेश तक मान्य होगी. रिवाइज्ड गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम (Covid-19 Vaccination) के पूरा होने के बाद से 15 दिन बीतना भी जरूरी है.

यात्री के कोविड संदिग्ध होने पर उठाए जाएंगे ये कदम

भारत आगमन पर हवाई अड्डे पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सभी यात्रियों डी-बोर्डिंग की जानी चाहिए. इसके अलावा, फिजिकल डिस्टेंसिंग और थर्मल स्क्रीनिंग भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. गाइडलाइंस में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति कोविड संदिग्ध पाया जाता है तो उसके साथ वाली पंक्ति में बैठे यात्री, उसकी सीट के आगे की तीन पंक्तियां, पीछे की तीन पंक्तियों में बैठे लोग और केबिन क्रू की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जानी चाहिए. वहीं, यदि यात्री के संपर्क में आए लोग पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रोटोकॉल के अनुसार टेस्ट किया जाएगा.

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