ये बजट नहीं बंटवारा है, यूपी बजट पर बोले अखिलेश यादव, मायावती ने बताया घिसापिटा

लखनऊः यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार विधानसभा में पेश किया गया। वित्तीय वर्ष 2022—23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट में 39 हजार 181 करोड़ 10 लाख रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं। बजट में कुल पांच लाख 90 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की कुल प्राप्तियां अनुमानित हैं।

हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के बजट को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट नहीं बल्कि बंटवारा है। अखिलेश यादव ने योगी सरकार को उनके घोषणापत्र में किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को याद दिलाया। सपा प्रमुख ने कहा कि यह इस सरकार का छठा बजट है और इसमें सबकुछ घटा है। यह बजट नहीं है, यह बंटवारा है। इस सरकार ने अपने पांच साल में जो घोषणापत्र जारी किया था उसमें कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि आज हम 2022 में है और छठवां बजट पेश हो रहा है। क्या सरकार बताएगी कि उसका क्या हुआ?

यूपी सरकार के बजट को लेकर सिर्फ सपा प्रमुख ही नहीं बल्कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि  यूपी सरकार का बजट प्रथम दृष्टया वही घिसापिटा व अविश्वनीय तथा जनहित एवं जनकल्याण में भी खासकर प्रदेश में छाई हुई गरीबी, बेरोजगारी व गड्ढायुक्त बदहाल स्थिति के मामले में अंधे कुएं जैसा है, जिससे यहाँ के लोगों के दरिद्र जीवन से मुक्ति की संभावना लगातार क्षीण होती जा रही है।

बसपा प्रमुख ने आगे कहा, यूपी के करोड़ों लोगों के जीवन में थोड़े अच्छे दिन लाने के लिए कथित डबल इंजन की सरकार द्वारा जो बुनियादी कार्य प्राथमिकता के आधार पर होने चाहिए थे, वे कहाँं किए गए। स्पष्टतः नीयत का अभाव है तो फिर वैसी नीति कहाँ से बनेगी। जनता की आँख में धूल झोंकने का खेल कब तक चलेगा? 

गौरतलब है कि यूपी सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रस्तुत किया। यह पिछले वित्त वर्ष के लिए पारित 5,50,270 करोड़ रुपये के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपये अधिक है। बजट में 39 हजार 181 करोड़ 10 लाख रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं। बजट में कुल पांच लाख 90 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की कुल प्राप्तियां अनुमानित हैं। इनमें चार लाख 99 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की राजस्व प्राप्तियां और 91 हजार 739 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।

बजट में 81 हजार 177 करोड़ 97 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत है। सरकार के विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बजट में प्रावधान किये गये हैं। बजट में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना और 60.20 लाख क्विन्टल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है।

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