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समाचार है कि सहारनपुर मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) योगराज सिंह ने 1 जनवरी 2023 को मुजफ्फरनगर के पुरकाजी विकास खंड के तेजलहेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय, बसेड़ा के प्राथमिक विद्यालय नम्बर 3 का निरीक्षण किया। निरीक्षण में सहायक अध्यापिका गैरहाजिर मिली। विद्यालय में 96 छात्र पंजीकृत हैं किन्तु 20 ही स्कूल पहुंचे थे। कंपोजिट विद्यालय बसेड़ा की सहायक अध्यापिका पूजा 24 जुलाई, 2020 से अनुपस्थित मिली। प्राथमिक विद्यालय नम्बर 3 के एक कमरे में स्कूली बस्तों से भरा एक बोरा मिला। बच्चों को बांटने के लिए आए 275 जोड़े जूते मिले जिन्हें चूहों ने कुतर दिया था। सहायक निदेशक ने ढाई वर्ष से गैरहाजिर चल रही सहायक अध्यापिका और प्राथमिक विद्यालय के गैरजिम्मेदार प्रधानाध्यापक को निलंबित करने व अनुपस्थित कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है।

एक अन्य समाचार के अनुसार परिवहन निगम सहारनपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार ने मुजफ्फरनगर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक महेन्द्र सिंह को कर्त्तव्य निर्वहन में उदासीनता बरतने पर निलंबित कर दिया है। यह भी खबर है कि मेरठ के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी विजय कुमार को हिंडन नदी के प्रदूषण व बागपत की एक फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण व दुर्गंध न रोकने में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है।

सरकारी विद्यालयों, कार्यालयों की कार्य पद्धति के ये उदाहरण समय-समय पर मिलते रहते हैं। स्वाधीनता प्राप्ति के फौरन बाद सरकारी मशीनरी की यह अधोगति नहीं थी। प्रशासन की बागडोर उन नेताओं के हाथों में थी जिन्होंने निस्वार्थभाव से स्वराज के लिए संघर्ष किया था। संयुक्त सरकारों व गैर कांग्रेसी दलों के शासन में प्रशासन बेलगाम हो गया। सपा- बसपा राज में ट्रांस्फर-पोस्टिंग का व्यापार ऐसा चला कि राजनीति तिजारत बन गई। इसका अंजाम जनता को भुगतना पड़ रहा है। कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या उंगलियों पर गिनने लायक रह गई है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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