“हिंसा करने वाले अपने पैदा होने वाले दिन को कोसेंगे”: बंगाल के राज्यपाल की चेतावनी

पश्चिम बंगाल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना जारी है। यहां आठ जुलाई को कड़ी सुरक्षा के मतदान संपन्न हुआ था। उसमें लगभग 5.67 करोड़ मतदाताओं ने 73,887 सीटों के लिए मतदान किया था। इन सीटों पर मतों की गिनती जारी है। इस दौरान कई जगहों से हिंसा की भी खबरें आ रही हैं। वहीं, राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा फैलाने वालों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा है कि हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि जो लोग हिंसा करते हैं, उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी कि वे अपने पैदा होने वाले दिन को कोसेंगे।

क्या बोले राज्यपाल सीवी आनंद बोस
राज्य में पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान राज्यव्यापी हिंसा हुई है। इसे लेकर राज्यपाल ने एक दिन पहले दिल्ली में गृहमंत्री शाह के साथ मुलाकात भी की थी। वहीं अब उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि जो लोग राजनीतिक नियंत्रण कक्ष में बैठते हैं और मैदान में गुंडों को अपने रिमोट से कंट्रोल करते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा नई पीढ़ी के भविष्य को प्रभावित कर रही है।  जो लोग हिंसा करते हैं, उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी कि वे अपने पैदा होने वाले दिन को कोसेंगे। सभी अधिकारी गुंडों और कानून तोड़ने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करेंगे। 

राज्यपाल ने कहा कि हम बंगाल को नई पीढ़ी के रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल में बढ़ती हिंसा के खिलाफ लगातार लड़ाई जारी रहेगी। गुंडे और कानून तोड़ने वालों से सभी अधिकारी सख्ती से पेश आएंगे। 

दिल्ली में गृहमंत्री शाह से की थी मुलाकात
इससे पहले, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस रविवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। यहां सोमवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नॉर्थ ब्लॉक में मुलाकात भी की। इस दौरान दोनों के बीच, बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा पर बातचीत हुई। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि रोशनी से ठीक पहले अंधकार होता है। आज मुझे जो एकमात्र संदेश मिला वह यह है कि अगर सर्दी का मौसम आता है तो क्या वसंत बहुत पीछे रह सकता है? आने वाले दिनों में अच्छा होगा।

शनिवार को हुआ था मतदान
गौरतलब है, पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव हुए थे। इस दौरान पूरे सूबे में जमकर हिंसा हुई। खूब तोड़फोड़, पथराव और आगजनी हुई। राजनीतिक लड़ाई के चलते छह जिलों में लगभग 20 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। कहीं पोस्टल बॉक्स को लूट लिया गया तो कहीं खूब बम चले। कूचबिहार में पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ के बाद उपद्रवियों ने बैलेट पेपर्स में ही आग लगा दी थी।

कहां-कहां हिंसा और हत्या हुईं 
मतदान  के दौरान लगभग 20 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। इनमें से 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई। सबसे ज्यादा पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और मालदा में मारे जाने वाले लोगों की संख्या क्रमशः तीन, चार और एक थी। वहीं दक्षिण बंगाल के तीन जिलों- नादिया, पूर्वी बर्दवान और दक्षिण 24 परगना में एक-एक मौत हुई। यहां 200 से ज्यादा लोग घायल भी हुए। जलपाईगुड़ी हिंसा में आठ पत्रकार भी घायल हुए। 

पिछले एक महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बीच, 38 से ज्यादा राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं। आठ जून को चुनावों का एलान होने के बाद से सात जुलाई तक 19 लोगों की जान गई है। कूच बिहार में कुछ लोग बैलेट बॉक्स लेकर ही भागते दिखे। इसके अलावा यहां कई पोलिंग बूथ को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया।

BSF ने भी लगाया है बड़ा आरोप
बंगाल हिंसा की खबरों के बीच BSF DIG एसएस गुलेरिया ने राज्य चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। डीआईजी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ सात जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई। यहां पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका। 

राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर CAPF को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहां इससे कहीं ज्यादा सेंसिटिव पोलिंग बूथ थे। BSF की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी। इसके बावजूद प्रशासन और राज्य चुनाव आयोग ने सही जानकारी नहीं दी। पश्चिम बंगाल चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी कि चुनाव के दौरान भीड़ को कंट्रोल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल बंगाल में समय रहते कंपनियां तैनात नहीं कर सका।

गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
हिंसा की घटनाओं को लेकर गृहमंत्रालय भी सतर्क हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली थी। पश्चिम बंगाल के राज्य सीवी आनंद बोस ने भी चिंता जताई थी। 

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