केस्को के हजारों मीटर और बाक्स कबाड़ की दुकान पर मिलने से हड़कंप

कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड, केस्को के पुराने और उतारे गए बिजली मीटरों के गुरुवार को दयानंद विहार में कबाड़ी की दुकान में मिलने से हड़कंप मच गया। केस्को के टेस्ट डिवीजन के इंजीनियरों ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। सभी मीटर पोस्टपेड इलेक्ट्रॉनिक मीटर हैं।
प्राथमिक जांच में इनमें अधिकतर वह मीटर मिले हैं, जो केस्को सर्किल वन के क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के बाद उतारे गए थे। परेड बिजलीघर में जगह कम होने से इन मीटरों को विकास नगर केसा कॉलोनी में रखवाया गया था। केस्को ने इस मामले में कबाड़ी अरुण कटियार और भवन स्वामी रजनी देवी के खिलाफ कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। एमडी ने जांच के भी आदेश दिए हैं।
कबाड़ी फरार, ठेकेदार फर्म एके इंटरप्राइजेस का बोर्ड
विकास नगर डिवीजन के अधीन आने वाले दयानंद विहार में अरुण कटियार की दुकान में बिजली मीटर मिले हैं। तबसे वह फरार है। फोन पर उससे पूछा गया तो उसने मीटरों के बारे में कोई भी जानकारी होने से मना किया। 

कबाड़ में पड़े बिजली मीटर और बाक्स

उसकी दुकान के बगल में एके इंटरप्राइजेज का बोर्ड लगा था। यह अनिल चौहान की फर्म है, जो पहले केस्को में खराब मीटरों को बदलकर नए मीटर लगाने का ठेका चलाता था। अभी इसके पास कोई ठेका नहीं है।

केस्को इंजीनियरों ने बताया कि ठेकेदार ने इस मामले से अनभिज्ञता जताई है। केस्को मीडिया प्रभारी चंद्रशेखर अंबेडकर ने बताया कि मीटरों की जांच के लिए केस्को के चारों टेस्ट डिवीजन के इंजीनियर मौके पर पहुंचे हैं। करीब 150 मीटर समूचे मिले हैं। बाकी कबाड़ हैं, जिसमें मीटरों का प्लास्टिक का कवर आदि है। केस्को प्रबंधन इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करेगा।

केस्को में सक्रिय है, मीटरों को बदलने वाला गैंग
केस्को में मीटर रीडरों और केस्को कर्मियों की सांठगांठ से अधिक यूनिट की रीडिंग के बदले कम रीडिंग का बिल बनाकर यूनिट को मीटर में स्टोर करने और बाद में उस मीटर को ही बदलकर रिकॉर्ड गायब करने का खेल चलता है। गैंग पिछले कई सालों से सक्रिय है। केस्को के सर्वोदय नगर डिवीजन के रावतपुर गांव, जाजमऊ डिवीजन में पकड़े गए मामलों की जांच भी चल रही है। इसमें एक संविदा कर्मचारी को बर्खास्त किया जा चुका है। मामले में केस्को इंजीनियरों की भूमिका की जांच चल रही है। इसका खुलासा केस्को संविदा कर्मचारी संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने किया था। कबाड़ी की दुकान में मिले मीटरों को भी इसी गैंग की कारस्तानी से जोड़कर देखा जा रहा है।

कबाड़ में नहीं बेचे जा सकते हैं बिजली मीटर
केस्को में खराब हो चुके बिजली मीटरों को यूं ही कबाड़ी की दुकान में नहीं बेचा जा सकता है। मीटरों या अन्य सरकारी बिजली उपकरणों को नीलाम किया जाता है। इसके अलावा सरकारी संपत्ति को बेचना अवैध है।

इस मामले में एफआईआर के साथ विभागीय जांच भी की जाएगी। चीफ इंजीनियर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देंगे कि मीटर कबाड़ की दुकान तक कैसे पहुंचे। – अनिल ढींगरा, एमडी, केस्को

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