केंद्र के कृषि कानूनों को खारिज कर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में तीन नये बिल पेश

विशेष सत्र के दूसरे दिन आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों ड्रेकोनियन कृषि कानूनों को रद्द करने वाले तीन कृषि विधेयक पंजाब विधानसभा में पेश किए गए। बता दें कि पंजाब विधानसभा का यह विशेष सत्र केंद्र के इन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए ही बुलाया गया है। इस विशेष सत्र के दूसरे दिन यानि आज सदन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले केन्द्र के तीनों कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। जिसे सदन द्वारा स्वीकार कर लिए जाने के बाद उन्होंने फिर तीनों विधेयक पेश किए ।

ये तीन विधेयक हैं:

  1. किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक, 2020 (Amendment to the Farmers Produce Facilitation Act)
  2. आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक, 2020 (Amendment to the Essential Commodities Act )
  3. किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 (Amendment to the Farmers Agreement and Farm Services Act – to counter the central farm laws)

पंजाब सरकार द्वारा पारित ऐतिहासिक बिल में प्रस्ताव किया गया है कि गेहूं एमएसपी से कम मूल्य पर खरीदने/ बेचने वालों को 3 साल की सजा और जुर्माना किया जाएगा। किसानों के लिए 2.5 एकड़ से अधिक लैंड अटैचमेंट की स्वीकृति नहीं है, जमा खोरी और काला-बाजारी पर रोक जैसी बातें मोटे तौर पर शामिल हैं।

पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, “कृषि राज्य का विषय है, लेकिन केन्द्र ने इसे नजरअंदाज कर दिया। मुझे काफी ताज्जुब है कि आखिर भारत सरकार करना क्या चाहती है। केंद्र सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया हैं। पंजाब ने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया है। अब उन्हीं किसानों को बर्बाद किया जा रहा है। क्या यह इंसाफ़ है।”

ऑपरेशन ब्लू स्टार के समय अपने इस्तीफे को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इस्तीफा देने या अपनी सरकार को बर्खास्त किए जाने से नहीं डरता हूं। मैं किसानों के साथ अन्याय होता देख खामोश नहीं रहूंगा, न ही उन्हें बर्बाद होने दूंगा।”

केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द करने वाले तीनों कृषि विधेयकों को पेश करने के बाद मुख्यमंत्री ने किसानों से सड़क जाम और रेल रोको अभियान खत्म करने की अपील करते हुए कहा, “हम आपके साथ खड़े हो चुके हैं, अब हमारे साथ खड़े होने की बारी आपकी है।”

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