ईसी दफ्तर के बाहर धरना दे रहे टीएमसी कार्यकर्ता हिरासत में

लोकसभा चुनावों को लेकर तेज हुई सरगर्मी के बीच राजधानी दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे टीएमसी नेताओं को हिरासत में लिया गया है। दरअसल,  टीएमसी का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ धरना कर रहा था। जिन्हें पुलिस ने हटाने की कोशिश की। इसी दौरान कुछ नेताओं को हिरासत में लिया गया है। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।

टीएमसी के जिन नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है उनमें टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और पार्टी की छात्र शाखा पश्चिम बंगाल के उपाध्यक्ष सुदीप राहा शामिल हैं। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद धरने की घोषणा की थी। 

इसके जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें देखा जा सकता है कि टीएमसी नेताओं ने अपने हाथों में केंद्रीय एजेंसियों का विरोध करने वाले पोस्टर अपने हाथों में ले रखे थे। जिनमें केंद्रीय एजेंसियों जैसे सीबीआई, ईडी और एनआईए के खिलाफ नारे लिखे गए थे। साथ ही इसमें इन एजेंसियों के निदेशकों को बदले जाने की मांग भी की गई थी। 

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले सेन ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्गोंने कहा था कि भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। जिस तरह से एनआईए, ईडी और सीबीआई काम कर रही है और टीएमसी नेताओं को निशाना बना रही है, वह शर्मनाक है। हम चुनाव आयोग से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगे। 

गौरतलब है कि टीएमसी के नेताओं का यह प्रदर्शन तब हो रहा है जब हाल ही में पश्चिम बंगाल में एनआईए की टीम पर हमला हुआ है। इसके बाद से भाजपा और टीएमसी में जुबानी जंग तेज हो गई है। टीएमसी का दावा है कि केंद्रीय एजेंसियों ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया है और वे लोकसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर रही हैं। वहीं भाजपा का आरोप है कि टीएमसी सरकार में बंगाल में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है और राज्य में कानून व्यवस्था दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है।  

बीते सप्ताह हुआ था हमला
बीते हफ्ते एनआईए की टीम भूपतिनगर में साल 2022 में हुए बम धमाके के मामले में छापेमारी करने और दो आरोपियों (मनोब्रतो जाना और बालीचरन मैती) को गिरफ्तार करने पहुंची थी। इस दौरान जब एनआईए टीम दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लौट रही थी, तो स्थानीय लोगों ने एनआईए टीम पर पथराव किया। जिसमें एनआईए की गाड़ियों के शीशे टूट गए और कई अधिकारी घायल हुए। 

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