आयकर संग्रह ने तोड़ा रिकॉर्ड, 80 दिन में सरकार को मिले 5.45 लाख करोड़

देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collection) लगातार मजबूती की दिशा में बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 80 दिनों के दौरान प्राप्त आंकड़े इस रुझान की पुष्टि करते हैं। कॉरपोरेट और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स के साथ-साथ एडवांस टैक्स से भी राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, आयकर रिफंड की प्रोसेसिंग में तेजी और बेहतर करदाता सेवाओं के चलते रिफंड राशि में भी जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि

सरकार की ओर से 19 जून 2025 तक जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5.19 लाख करोड़ रुपये था। इसमें कॉरपोरेट टैक्स, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) और अन्य शुल्क शामिल हैं। हालांकि, टैक्स रिफंड में तेजी से उछाल के कारण शुद्ध संग्रह में हल्की गिरावट आई है।

रिफंड में 58 फीसदी की बढ़ोतरी

वित्त मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, टैक्स रिफंड में 58.04 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा 2024 में 54,661 करोड़ रुपये था, जो 2025 में बढ़कर 86,385 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। अधिकारियों का मानना है कि रिफंड में यह तेजी करदाता सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और प्रोसेसिंग की गति बढ़ने का परिणाम है। इस कारण नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1.39 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 4,58,822 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 4,65,275 करोड़ रुपये था।

एडवांस टैक्स में भी उछाल

एडवांस टैक्स कलेक्शन के आंकड़े भी सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस श्रेणी में 3.87 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है और अब तक 1,55,533 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स के रूप में जमा हुए हैं। इसमें कॉरपोरेट सेक्टर से प्राप्त राशि में लगभग 6 फीसदी की वृद्धि देखी गई है, जो अब 1,21,604 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। हालांकि, नॉन-कॉरपोरेट सेक्टर से प्राप्त एडवांस टैक्स 2.68 फीसदी गिरकर 33,928 करोड़ रुपये रहा है।

सुधरते टैक्स सिस्टम का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर विभाग द्वारा ई-फाइलिंग, त्वरित प्रोसेसिंग और करदाताओं को दी जा रही सुविधाओं में सुधार का असर प्रत्यक्ष कर संग्रह पर साफतौर पर नजर आ रहा है। यह प्रवृत्ति अगर इसी प्रकार बनी रही, तो आने वाले महीनों में सरकार के राजस्व में और मजबूती देखने को मिल सकती है।

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